लंदन: वैज्ञानिकों द्वारा प्रस्तुत की गई एक रिपोर्ट के अनुसार कई पौधों के विलुप्त होने से भविष्य में लगभग आधी औषधियों के विलुप्त होने का खतरा मंडरा रहा है।
एक अनुमान के मुताबिक पृथ्वी पर फूल वाले पौधों की आधी संख्या जो लगभग एक लाख के करीब है, को विलुप्त होने का खतरा है।
अधिकतर दवाइयां पौधों से प्राप्त यौगिकों पर आधारित होती हैं। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि 45 प्रतिशत फूल वाले पौधे विलुप्त होने के क़रीब हैं, जिसका अर्थ है कि भविष्य में मनुष्य अपनी औषधि के स्रोत का एक बड़ा हिस्सा खो देंगे।
कवक विज्ञानियों (Mycologists) का अनुमान है कि दुनिया में कवक की लगभग 2.5 मिलियन प्रजातियाँ हैं, जिनमें से 155,000 को लुप्तप्राय माना जाता है।
A recent study suggests we may lose the medicinal benefits offered by the plant kingdom if we, as a species, don't act now to reverse this devasting trend and save the endangered plant species around the world. https://t.co/UajmnJE2Hm
— Earth.com (@EarthDotCom) October 12, 2023
रॉयल बोटेनिक गार्डन क्यू द्वारा प्रस्तुत एक रिपोर्ट में वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि अनदेखे पौधे भी विलुप्त होने के खतरे में हैं। अनुमान है कि चार अनदेखे पौधों में से तीन लुप्तप्राय हैं।
यह अनुमान हर साल 2,500 नए पौधों की खोज पर आधारित है, और उनमें से औसतन तीन-चौथाई को विलुप्त होने के तत्काल खतरे में माना जाता है, जो बताता है कि भविष्य की खोजों में भी खतरे की उतनी ही संभावना है।
विश्लेषक डॉ. मटिल्डा ब्राउन ने कहा कि शोधकर्ता 100,000 से अधिक पौधों की प्रजातियों पर विचार कर रहे हैं, जिनके विलुप्त होने का खतरा है। यह संख्या स्तनधारियों, पक्षियों, सरीसृपों, मछलियों और सभी प्रकार के कशेरुकियों की कुल संख्या से भी अधिक है।
आगे वह कहते हैं कि जब यह देखा गया कि 10 में से नौ दवाएं पौधों से आती हैं, तो ऐसी स्थिति को देखते हुए हम अपनी आधी दवाएं खो देंगे।