टेक्सास: हाल ही में एक नए अध्ययन में पाया गया कि ई-सिगरेट के प्रयोग से उन युवाओं में अस्थमा का खतरा बढ़ जाता है जिन्होंने कभी धूम्रपान नहीं किया है।
स्टडी से पता चलता है कि वेपिंग यानी ई सिगरेट पीने वाले किशोरों में अस्थमा होने की संभावना उन किशोरों की तुलना में दोगुनी थी जो वेपिंग नहीं करते थे।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शोधकर्ता कहते हैं कि ई-सिगरेट में नियमित सिगरेट की तुलना में कम विषाक्त पदार्थ होते हैं, लेकिन फिर भी इनमें हानिकारक रसायनों का मिश्रण होता है। इसके प्रयोग से सांस संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
By now, we all know that vaping is not good for your health, but did you know it could increase the risk of asthma in kids?
Texas A&M’s School of Public Health studied teens who used e-cigarettes but never smoked conventional tobacco.https://t.co/cDbMBw1D9f
— KNX News 97.1 FM (@knxnews) September 19, 2023
“प्रिवेंटिव मेडिसिन” पत्रिका में प्रकाशित ये अध्ययन टेक्सास राज्य में 13 से 17 वर्ष की आयु के 3,000 किशोरों और अमेरिका में 32,000 से अधिक किशोरों के डेटा के विश्लेषण के आधार पर तैयार किया गया है।
टेक्सास ए एंड एम यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता और अध्ययन के मुख्य लेखक तिहोन रोवे ने इस संबंध में जानकारी दी है कि ई-सिगरेट के उपयोग को कम करने के लिए हमें कई उपाय करने होंगे।
ई-सिगरेट के उपयोग के हानिकारक प्रभाव से बचने के संबंध में उनका कहना है कि लोगों खासकर किशोरों में जागरूकता बढ़ाना, कड़े नियम लागू करना और मानसिक स्वास्थ्य के लिए वैकल्पिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देकर ही इसके दुष्प्रभावों से बचा जा सकता है।