हम क्या खाते हैं? कितना खाते हैं? कब खाते हैं? कैसे खाते हैं? खुश होकर खाते हैं या तनाव व हड़बड़ी में? इनके जवाब तय करते हैं कि हमारा हाजमा कैसा होगा। आधुनिक जीवनशैली व खान-पान की गलत आदतों के कारण 85% लोग पाचन संबंधी परेशानियों से जूझ रहे होते हैं। हाजमे से जुड़ी कुछ समस्याएं और उनके उपचार के बारे में बता रही हैं।
रोजमर्रा में हम अकसर किसी न किसी पेट संबंधी परेशानी से जूझ रहे होते हैं। आप तब तक फिट नहीं हो सकते, जब तक आपकी पाचन शक्ति ठीक नहीं होती। भले ही आप कितने ही पौष्टिक आहार का सेवन कर लें, अगर पाचन तंत्र ठीक नहीं रहेगा तो इसका फायदा शरीर को नहीं मिलेगा। इसलिए लोग अकसर यह शिकायत करते हुए पाए जाते हैं कि खाते तो हैं, पर शरीर को लगता नहीं या कुछ खाते नहीं, फिर भी मोटे हो रहे हैं।
क्यों बिगड़ता है पाचन तंत्र
पाचन तंत्र हमारे शरीर का महत्वपूर्ण अंग है। यह भोजन को पचाता है और फिर पौष्टिक तत्वों और रसायनों को शरीर के अन्य हिस्सों तक पहुंचाता है। हर समय की हड़बड़ी, समय-असमय खाना, मात्रा पर ध्यान न देना और रोजमर्रा का तनाव, ये सब हमारे पाचन तंत्र पर दबाव डालते हैं।
हमारी भोजन नली, खाने को लाने-ले जाने के लिए बना महज एक खोखला पाइप नहीं है। इसके कई हिस्से होते हैं, जहां कई तरह की गैस्ट्रिक प्रक्रियाएं होती रहती हैं। कई तरह की कोशिकाएं बनती हैं, कई रसायन, एंजाइम्स व हार्मोन बनते हैं, जिनसे पाचन तंत्र के अन्य भाग जुड़ते हैं। एक तरह से हमारा पाचन तंत्र एक जटिल तंत्र है, जिसमें कई बार छोटी-छोटी गड़बडि़यां भी स्थिति को गंभीर बना देती हैं। ज्यादा खाना, ढंग से न चबाना, पौष्टिक भोजन न करना या फिर व्यायाम की कमी आपके पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
हाजमे से जुड़ी कुछ परेशानियां
डायरिया: डायरिया होने के कई कारणों में प्रमुख है वायरस और बैक्टीरिया से होने वाला संक्रमण। अत्यधिक शराब पीना, दूषित भोजन व पानी या फिर तनाव की अधिकता डायरिया के कारण हो सकते हैं। शरीर में तेजी से पानी की कमी होना डायरिया की स्थिति कही जाती है।
क्या करें: अगर लगातार पतले दस्त आते रहें तो डॉक्टर के पास जाना ही उचित रहेगा। दो से तीन दिन तक डायरिया रहता है तो इससे डीहाइड्रेशन हो जाता है और स्थिति गंभीर हो जाती है। एंटी-डायरल दवाएं लें। सामान्य दस्त होने पर पानी व रसदार चीजें अधिक लें।