लंदन। ब्रिटेन के यूरोपीय संघ छोड़ने के विषय पर हमें विकल्प खुले रखने चाहिए क्योंकि पिछले महीने हुए जनमत संग्रह के 48 फीसदी मतदाता महसूस करते हैं कि उनकी बात नहीं सुनी जा रही। यह कहना है ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर का।
टोनी ब्लेयर का यह बयान उस वक्त आया है जब प्रधानमंत्री डेविड कैमरन और लेबर नेता जेरेमी कोर्बिन ने दूसरे यूरोपीय संघ जनमत संग्रह से इनकार किया है।
ब्लेयर ने कहा कि देश के लिये ब्रेग्जिट का क्या मतलब है, का ब्योरा सामने आने लगा है ‘अगर लोगों की इच्छा बदलती है तो उसे क्यों न हम मान्यता दें।’ वर्ष 1997 से 2007 तक प्रधानमंत्री रहे ब्लेयर ने मीडिया से बात करते हुये कहा कि जिन 48 फीसदी लोगों ने यूरोपीय संघ में बने रहने के पक्ष में वोट डाला, वे महसूस करते हैं उनकी बात नहीं सुनी जा रही और यह स्पष्ट नहीं है कि हम किधर बढ़ रहे हैं।