सर्च इंजन गूगल एक ऐसी जादू की छड़ी है जहाँ आप कुछ भी जानना चाहते हैं तो बस गूगल पर लिखा और अपनी जानकारी प्राप्त कर ली।
अब गूगल सर्च इंजन का उपयोग कई बीमारियों के उपचार के लिए किया जा रहा है। यदि किसी व्यक्ति को कोई बीमारी। लेकिन निदान गूगल से हो सके ये ज़रूरी नहीं। अकसर गूगल से आपकी असुविधा बढ़ सकती है।
क्या वेबसाइट पर
रोगों के उपचार के लिए
आवश्यक जानकारी सही है?
हम अपने सहज ज्ञान के मामले में उतने ही आलसी हैं, किसी भी बीमारी या लक्षण के तेज होने के बाद ही हम डॉक्टर से सलाह लेते हैं।
अतीत में हम स्व-निदान और स्व-उपचार कर चुके हैं लेकिन आज के दौर में गूगल के ज़रिये जब आप हल्के दर्द की जानकारी लेने की कोशिश करते हैं तो ये आपकी समस्या की गंभीरता के बिंदु तक पहुंचा देता है और नतीजा ये होता है कि आप का दर्द कहीं ज़्यादा बढ़ा हुआ महसूस होता है। गूगल सर्च इंजन इतने कारणों का खुलासा करता है कि आप चिंतित और तनावग्रस्त हो जाते हैं।
ऐसे ही लक्षणों वाले लोगों की कहानियां भी परेशान करती हैं जब आप गूगल करते हैं, तो आपको जो दर्द हो रहा है वह सब पढ़ने और सुनने के बाद तेज हो जाता है। बात यहीं ख़त्म नहीं होती समस्या जान्ने के बाद आप निदान की तलाश करते हैं और यहाँ पर भी गूगल सर्च आपको एक बार फिर से भटका देता है।
नतीजा ये होता है कि आपका तनाव कहीं ज़्यादा बढ़ जाता है। एक ऍम सी समस्या पर गूगल सर्च इंजन कई सारे रोग और ढेरो ढेर निदान प्रस्तुत करके आपको कहीं ज़्यादा गुमराह कर देता है। ऐसे मामलों में ज़्यादातर एक छोटी सी समस्या का बेहद छोटा इलाज आपको समस्या से छुटकारा दिला सकता था यदि आप ने सम्बंधित चिकित्सक से परामर्श लिया होता।