27 दिसम्बर लखनऊ, अंजुमन वज़ीफ़ा सादात व मोमिनीन अलीगढ़ के वार्षिक अधिवेशन का आयोजन लखनऊ में हुआ। अंजुमन वज़ीफ़ा सादात व मोमनीन एक कल्याणकारी क़ौमी संगठन है। ये दो दिवसीय आयोजन लखनऊ के गुलशन ए वास्ती सरफराज़गंज में संपन्न हुआ। संस्था की वर्किंग कमेटी के अधिवेशन में अध्यक्ष पद के लिए कानपूर के अली ज़फ़र आबिदी और लखनऊ से असग़र मेहदी को जनरल सेक्रेटेरी चुना गया।
1912 में स्थापित अंजुमन वज़ीफ़ा सादात व मोमिनीन संस्था देश के प्रतिभाशाली और आर्थिक रूप से कमज़ोर छात्रों को व्यवस्थित तरीके से वित्तीय सहायता प्रदान करती है। संस्था छात्रों को बेहतर करियर, नौकरी और पेशे के चयन करने के लिए शिक्षा के लक्ष्यों और मानकों को तय करने में भी मदद करती है।
- अंजुमन वज़ीफ़ा सादात व मोमिनीन संस्था 1912 में स्थापित हुई थी।
- संस्था देश के प्रतिभाशाली और आर्थिक रूप से कमज़ोर छात्रों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
अंजुमन की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली और सर्वोच्च निगरां इसकी कारकुन कमेटी है, जिसमें दो प्रकार के सदस्य होते हैं: मनसबी और निर्वाचित। केवल कारकुन कमेटी ही अंजुमन के लक्ष्यों और उद्देश्यों को पूरा करने के लिए क़दम उठाने के लिए अधिकृत है। कमेटी प्रशासनिक, आर्थिक और अन्य ज़रूरी तमाम मामलों पर अपनी वार्षिक बैठक में फ़ैसले लेती है।
प्रत्येक वर्ष यह बैठक देश के सभी शहरों और कस्बों में किसी एक जगह पर नियम द्वारा चयनित स्थान पर आयोजित की जाती है। हर्ष का विषय यह है कि तीस साल के लंबे अंतराल के बाद 24-25 दिसंबर 2022 को लखनऊ में अंजुमन की 110वीं वार्षिक बैठक सम्पन्न हुई है।
कारकुन कमेटी की इस दो दिवसीय बैठक में अंजुमन की नियमावली के दिशा-निर्देशों के आलोक में कमेटी के सदस्यों ने एजेंडे के अनुसार विचार-विमर्श, वार्ता, परिचर्चा एवं वाद-विवाद किया। ऑडिट और सभी विभागों की रिपोर्ट पेश हुई, अंजुमन के अध्यक्ष श्री आलिम हुसैन रिजवी के सदारती भाषण, महासचिव श्री मुहम्मद मोहसिन साहब की रिपोर्ट और सदस्यों और स्थानीय सचिवों के सुझावों पर चर्चा की गई। इसके अलावा कमेटी के फंड, बजट, वज़ीफ़ा वितरण सहित अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की गई।
अंजुमन की वार्षिक बैठक में बुद्धिजीवियों, समाजसेवियों और जनता से संवाद का एक सत्र भी होता है, जिसे अवामी जलसा कहा जाता है, जो 25 दिसंबर 2022 को सरफराज़गंज में स्थित इमाम बाड़ा बिलक़ीस जहां में आयोजित किया गया। इस सत्र में वक्ताओं ने शिक्षा के महत्व और इस दिशा में अंजुमन के इतिहास और जारी सेवाओं से सबको
एक लम्बे अंतराल के बाद अंजुमन ने अपना अध्यक्ष और महासचिव सर्वसम्मति से चुना। अध्यक्ष पद के लिए श्री अली ज़फ़र आबिदी साहब कानपुर को चुना गया और उनके सुझाव पर श्री सग़ीर आबिद रिज़वी साहब, एडवोकेट बहराइच को उपाध्यक्ष पद के लिए चुना गया। महासचिव पद के लिए श्री असग़र मेंहदी साहब लखनऊ को चुना गया और उनके सुझाव पर श्री ज़ुल्करनैन हैदर साहब उन्नाव और श्री मुस्तफ़ा बिलगिरामी साहब अलीगढ़ को संयुक्त सचिव पद के लिए चुना गया।
अंजुमन के हितों को देखते हुए सचिव संगठनात्मक मामलों और सचिव कानूनी मामलों के दो नए विभाग बनाए गए हैं।
इसके बाद विभिन्न विभागों के सचिवों का चयन किया गया। अल्हाज श्री अली ज़हीन नकवी साहब नई दिल्ली को अंजुमन की पत्रिका “रिसाला वज़ीफ़ा” के संपादक एवं प्रसारण सचिव, श्री एहसान इमाम आबिदी साहब लखनऊ को सचिव वापसिये क़र्ज़ ए हसना, श्री रज़ा हैदर साहब नोएडा को सचिव डिजिटल मीडिया, श्री सैयद बाक़र अली ख़ान साहब लखनऊ को सचिव मुशावरत, सचिव वज़ीफ़ा बैरुन ए हिंद के लिए श्री सिराज नय्यर, बहराइच का चुनाव किया गया। श्री सैयद ऐनुल रज़ा रिज़वी साहब कोशांबी को इंटर्नल ऑडिटर के रूप में चुना गया।
अंजुमन के हितों और अन्य आवश्यकताओं को देखते हुए, सचिव संगठनात्मक मामलों और सचिव कानूनी मामलों के दो नए विभाग बनाए गए, जिसके लिए क्रमशः श्री ज़मानत अली साहब लखनऊ और श्री सैयद मोहम्मद इक़बाल हसन साहब एडवोकेट, इलाहाबाद का चयन किया गया। इसके अतिरिक्त संविधान के निर्देशों के आलोक में कमेटी द्वारा पारित प्रस्तावों और अंजुमन की आवश्यकता के अनुसार विभिन्न समितियों का गठन भी किया गया।