विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपनी हालिया एडवाइजरी में कहा है कि वजन घटाने के लिए आर्टिफिशियल या वैकल्पिक मिठास का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
डब्ल्यूएचओ ने अपनी एडवाइजरी में कहा है कि गैर सेहत वाले वजन को बढ़ने से रोकने और गैर-संचारी रोगों के जोखिम को कम करने के लिए वैकल्पिल चीनी मिठास का इस्तेमाल खतरनाक है।
डब्ल्यूएचओ का कहना है कि वजन घटने के लिए कृत्रिम मिठास की जगह फल और सब्जियों सहित प्राकृतिक रूप से मीठे खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपने नए दिशानिर्देशों में इस पर विस्तार से कहा है कि विभिन्न गैर-चीनी मिठास जैसे कि एस्पार्टेम, जायफल, स्क्रीनिन, स्टीविया, सुक्रालोज़ और साइक्लामेट का उपयोग पैकेज्ड खाद्य और पेय पदार्थों में किया जाता है। इन आर्टिफिशियल स्वीटनर्स की कोई न्यूट्रिशनल वैल्यू नहीं होती है।
इन मिठास को आमतौर पर अलग से बेचा जाता है या चीनी के विकल्प के रूप में लिया जाता है। इस मिठास के बारे में ऐसा माना जाता है कि ये कैलोरी में कम होते हैं और वजन को काबू करने में मददगार होती है।
.@WHO's new guideline recommends against the use of non-sugar sweeteners to control body weight or reduce the risk of noncommunicable diseases. The recommendation applies to all people except individuals with pre-existing #diabetes. https://t.co/QDUyblbBd6
— Tedros Adhanom Ghebreyesus (@DrTedros) May 15, 2023
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि इन स्वीटनर का वयस्कों और बच्चों में वजन काबू करने के लिए कोई दीर्घकालिक लाभ नहीं है, बल्कि इसके न नज़र आने वाले प्रभाव और नुकसान हैं। इनमे टाइप 2 शुगर, हार्ट प्रॉब्लम और अन्य जोखिम वाली बीमारियों को बढ़ावा मिलता है। ये बीमारियां जानलेवा भी हो सकती हैं।
डब्ल्यूएचओ का कहना है कि कृत्रिम मिठास देने वाले रसायनों का सेवन लंबे समय तक वजन घटाने में मदद नहीं करता है और लोगों को फल और सब्जियों सहित प्राकृतिक रूप से मीठे खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए।