लखनऊ। समाजवादी पार्टी में मचे पारिवारिक घमासान को शांत करने के लिए मुलायम सिंह यादव ने लखनऊ स्थित पार्टी मुख्यालय पर अहम बैठक बुलाई। विक्रमादित्य मार्ग स्थित कार्यालय में बैठक के दौरान बोलते हुए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भावुक हो उठे। उन्होंने इस्तीफे की पेशकश करते हुए कहा कि अगर नेताजी (मुलायम) ने मुझसे इस्तीफे के लिए कहा होता तो मैंने कब का दे दिया होता। akhilesh yadav
सीएम ने कहा रामगोपाल का बचाव करते हुए कहा कि ‘जब अमर सिंह ने कहा कि नवंबर तक अखिलेश यूपी में सीएम नहीं रहेंगे, तो मुझे तकलीफ हुई थी। रामगोपाल जी ने ऐसा नहीं कहा।’ इसके बाद बोलते हुए शिवपाल ने साफ कहा कि ‘पार्टी में अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यह पार्टी इतनी ऊंचाइयों तक सिर्फ नेताजी की वजह से पहुंची है।” बोलते-बोलते शिवपाल भी भावुक हो गए। उन्होंने कहा, ”मुझसे विभाग क्यों छीने गए, नेताजी के साथ क्या मेरा योगदान नहीं? मैं मुख्यमंत्री से जानना चाहता हूं कि मैंने उनका कौन सा आदेश नहीं माना था। मैंने उनका हर आदेश माना है।”
अखिलेश प्रोग्रेसिव समाजवादी पार्टी नाम से नया दल बना सकते हैं। इस लेकर समाजवादी पार्टी के पूर्व महासचिव रामगोपाल यादव ने चुनाव आयुक्त से मुलाकात भी की थी। गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी में जारी विवाद रविवार को एक बार उस समय चर्चा में आ गया। जब प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने चाचा शिवपाल सिंह यादव समेत 4 मंत्रियों को बर्खास्त कर दिया था। मुख्यमंत्री ने अमर सिंह को बैठक में ही दलाल कहा और कहा कि जिस व्यक्ति ने पार्टी में झगड़े पैदा किए उन्हें माफी नहीं दी जाएगी और बड़ा फैसला लेते हुए मुख्यमंत्री ने शिवपाल समेत 4 मंत्रियों को कैबिनेट से हटा दिया। सूत्रों ने बताया कि बैठक में अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी नेता जी यानी मुलायम सिंह यादव की है और वही उनके उत्तराधिकारी हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि पार्टी तोड़ने का उनका कोई इरादा नहीं है।
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