लंदन में एक नए अध्ययन से पता चला है कि एआई तकनीक यह अनुमान लगाने में मदद कर सकती है कि किन छोटे बच्चों में ऑटिज्म विकसित होने की अधिक संभावना है।
शोधकर्ताओं का कहना है कि ऑटमेडए (AutMedA) नामक एक एआई प्रोग्राम मेडिकल डेटा में उन बच्चों को तलाश सकता है, जिन्हें बिना मेडिकल परीक्षण के दो वर्ष या उससे कम उम्र में समय से पहले ऑटिज्म का पता लगाया जा सकता है।
इस एआई प्रोग्राम से प्रारंभिक निदान और हस्तक्षेप की स्थितियों में भारी बदलाव आ सकता है और कई व्यक्तियों और उनके परिवारों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो सकता है।
अध्ययन की जानकारी में शोधकर्ताओं ने बताया कि विशेष रूप से बच्चे की पहली मुस्कुराहट की उम्र, उनके पहले छोटे वाक्य और खाने की कठिनाइयों के आधार पर ऑटिज्म की प्रबल संभावना का अंदाज़ा लगाया जा सकता है।
शोधकर्ताओं ने बताया कि एआई ने उन बच्चों की पहचान करने में भी अच्छे परिणाम पेश किए, जिन्हें सामाजिक संचार (social communication), संज्ञानात्मक क्षमता (cognitive ability) और विकासात्मक देरी (developmental delays) जैसे मामलों में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
इस संबंध में वरिष्ठ शोधकर्ता क्रिस्टीना टैमीमेज़ का कहना है- ऑटिज़्म की भविष्यवाणी करने में दो साल से कम उम्र के बच्चों में लगभग 80 प्रतिशत सटीकता के साथ, हमें उम्मीद है कि यह स्वास्थ्य देखभाल के लिए एक मूल्यवान उपकरण होगा।”
शोधकर्ताओं ने जामा ओपन नेटवर्क जर्नल में बताया कि “ऑटमेडएआई” कार्यक्रम 12,000 बच्चों के समूह के डेटा का उपयोग करके ऑटिज़्म के जोखिम वाले लगभग 80 प्रतिशत बच्चों की पहचान करने में सक्षम था।
शोधकर्ता अब एआई कार्यक्रम को और बेहतर बनाने के लिए काम कर रहे हैं, जिसमें इसके मापदंडों में आनुवंशिक जानकारी को जोड़ना भी शामिल है।