उबर ऑटो ड्राइवर के यात्री अब किराए को लेकर मोल-भाव कर सकेंगे। यात्री को ऐप में दिखाया जाने वाला किराया महज़ एक प्रस्ताव होगा, जबकि अंतिम किराया चालक और यात्री के बीच मोल-भाव के आधार पर तय होगा। भारत में लागू इस नए मॉडल को लेकर उबर द्वारा अधिसूचना जारी की गई है।
मंगलवार को कैब सेवा प्रदाता उबर ने अपने किराया मॉडल में बड़ा बदलाव किया है। इस बदलाव के तहत अब ऑटो चालकों से कमीशन लेना बंद कर दिया है। अधिसूचना में बताया गया है कि कंपनी अब केवल एक तकनीकी मध्यस्थ के रूप में काम करेगी।
कमीशन के स्थान पर अब कम्पनी ने एक निश्चित सदस्यता शुल्क प्रणाली लागू की है। इस बदलाव के बाद उबर की तरफ से अब किराए को लेकर किसी भी प्रकार के विवाद में हस्तक्षेप नहीं होगा।
उबर के प्रवक्ता के मुताबिक़, यह बदलाव इंडस्ट्री में बढ़ते सब्सक्रिप्शन-आधारित मॉडल को ध्यान में रखते हुए किया गया है। जिससे कंपनी की प्रतिस्पर्धी बरक़रार रह सके।
साथ ही उबर की तरफ से यह भी स्पष्ट किया गया है कि वह सुरक्षा संबंधी मामलों को गंभीरता से लेता रहेगा और यात्रियों व चालकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जरूरी कदम उठाता रहेगा।