लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के मंगलवार को एक दिन में 18 हजार 21 नए केस सामने आए जो अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। प्रदेश में 24 घंटों के दौरान 85 कोरोना मरीजों की मौत हो गई। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से इन शहरों में पूर्ण लॉकडाउन लगाने पर विचार करने को कहा है।
यूपी महाराष्ट्र के बाद कोरोना के मामलों में दूसरे नंबर पर पहुंच गया है। सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार ने कोरोना मरीजों को राहत देने के लिए अहम फैसला किया है।
टाइम्स की एक खबर के मुताबिक यूपी सरकार ने निजी अस्पतालों और लैब्स में कोविड टेस्ट से जुड़ी RT-PCR जांच की फीस रिवाइज करते हुए 700 रुपए कर दी है। प्रदेश के एडीशनल चीफ सेक्रेटरी, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, अमित मोहन प्रसाद द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक, कोराना जांच का सैंपल घर से लिये जाने पर इस जांच के लिए 900 रुपये फीस ली जा सकेगी। इसी दौरान प्रदेश में हालात पर काबू पाने के लिए रोजाना कम से कम एक लाख आरटी-पीसीआर टेस्ट कराने का टारगेट दिया है।
राज्य के कई बड़े शहरों में तेजी से कोरोना वायरस से संक्रमण के मामले बढ़ने के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से इन शहरों में पूर्ण लॉकडाउन लगाने पर विचार करने को कहा है।
NABH द्वारा मान्यता प्राप्त प्राइवेट अस्पतालों में सामान्य लक्षण वाले मरीजों से कोविड-19 आइसोलेशन बेड के लिए रोजाना 10,000 रुपये लिए जा रहे हैं। सरकार ने ऐसे अस्पतालों में वेंटिलेटर सुविधा के साथ वाले आईसीयू बेड की फीस 18,000 रुपये प्रतिदिन और बिना वेंटीलेटर वाले बेड में देखभाल की फीस 15,000 रुपये प्रतिदिन तय की है।
अब बिना NABH मान्यता प्राप्त निजी अस्पताल कोरोना मरीजों के आइसोलेशन बेड के लिए 8,000 रुपये की फीस लेंगे। वहीं वेंटिलेटर के साथ वाले आईसीयू बेड का चार्ज 15,000 रुपये और बिना वेंटीलेटर सुविधा वाले बेड का चार्ज 13,000 रुपये तय कर दिया गया है।
राज्य के कई बड़े शहरों में तेजी से कोरोना वायरस से संक्रमण के मामले बढ़ने के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से इन शहरों में पूर्ण लॉकडाउन लगाने पर विचार करने को कहा है। हाईकोर्ट ने संबंधित मामले पर सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार को उन जिलों में कम से कम दो से तीन सप्ताह के लिए पूर्ण लॉकडाउन लगाने और लोगों की भीड़ 50 तक सीमित करने की संभावना तलाशने का निर्देश दिया जहां कोरोना वायरस का संक्रमण खतरनाक ढंग से बढ़ रहा है।