वैज्ञानिकों के शोध से एक ऐसा यूनिवर्सल टीका तैयार होने की बात कही जा रही है जो हर क़िस्म के फ्लू को हरा सकेगा। अनुमान के मुताबिक़ इसे अगले पांच वर्षों में तैयार किया जा सकेगा।
जब हम कोविड-19 महामारी का सामना कर चुके हैं, तो यह महत्वपूर्ण है कि हम फ्लू के नए स्ट्रेन के हर साल उभरने से होने वाले जोखिमों के बारे में लापरवाह न हों।
वायरस में तेज़ी से होने वाले म्यूटेशन की क्षमता का मतलब है कि जब कोई नया स्ट्रेन दिखाई देता है, तो प्रतिरक्षा कम होती है, मौसमी टीके केवल सीमित सुरक्षा दे पते हैं। ऐसे में महामारी का जोखिम हर अगली बार अधिक होता जाता है।
शोधकर्ताओं ने बताया कि वैक्सीन ने उन बंदरों में एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया उत्पन्न की जो एवियन H5N1 इन्फ्लूएंजा वायरस से संक्रमित थे।
ओरेगॉन हेल्थ एंड साइंस यूनिवर्सिटी (ओएचएसयू) के नेतृत्व में नया शोध एक यूनिवर्सल इन्फ्लूएंजा टीका विकसित करने पर काम कर रहा है। इस शोध को लेकर वैज्ञानिक काफी आशाजनक हैं। इसके बारे में कहा जा रहा है कि यह एक टीका होगा जो सभी फ्लू वायरस के खिलाफ आजीवन प्रतिरक्षा प्रदान करने में सक्षम रहेगा।
नेचर कम्युनिकेशंस जर्नल में प्रकाशित शोध में अगली महामारी को ट्रिगर करने की संभावना वाले वायरस के खिलाफ बंदरों पर ये शोध किया गया। इस शोध में ओएचएसयू द्वारा विकसित वैक्सीन का परीक्षण किया गया।
हालाँकि, वैक्सीन मौजूदा H5N1 वायरस पर आधारित नहीं थी। इसके बजाय बंदरों को 1918 के इन्फ्लूएंजा वायरस के खिलाफ टीका लगाया गया। यह, वह वायरस था जिसके कारण दुनिया भर में लाखों लोगों की जान चली गई थी।
1918 के स्पैनिश फ्लू ने 500 मिलियन लोगों को संक्रमित किया था। उस समय दुनिया की आबादी का लगभग एक तिहाई और अनुमानित 50 मिलियन लोगों की मौत हुई थी।