नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश, बिहार आदि राज्यों में तकनीकी शिक्षण संस्थानों की गुणवत्ता में सुधार के लिए विश्व बैंक की मदद से 2660 करोड़ रुपये की महत्वाकांक्षी योजना को मंजूरी प्रदान की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक में सोमवार को इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। technical institutes
बाद में मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि तकनीकी शिक्षा गुणवत्ता सुधार कार्यक्रम (टेकीप) के तीसरे चरण के तहत पूर्वोत्तर के राज्यों के अलावा सात पिछड़े राज्यों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इनमें राज्य यूपी, बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान तथा ओडिशा शामिल हैं। तीन पहाड़ी राज्यों उत्तराखंड, हिमाचल और जम्मू-कश्मीर को भी इसमें शामिल किया गया है।
केंद्र सरकार इन राज्यों के करीब दो सौ इंजीनियरिंग एवं अन्य तकनीकी संस्थानों का चयन कर उन्हें गुणवत्ता सुधारने के लिए धनराशि प्रदान करेगी। यह राशि सीधे संस्थान के खाते में ट्रांसफर की जाएगी। संस्थानों को यह राशि शिक्षकों के प्रशिक्षण, नए शिक्षकों की भर्ती, शिक्षण-प्रशिक्षण के नए तौर-तरीके विकसित करने, शोध को बढ़ावा देने के लिए दी जाएगी।
केंद्र सरकार योजना को बाद में 940 करोड़ रुपये की और वित्तीय सहायता भी प्रदान करेगी। दरअसल, पूरी तरह से केंद्र पोषित इस योजना के दो चरण पहले पूरे किए जा चुके हैं। पहला चरण 2009 में 31 मार्च को समाप्त हुआ उसके तहत 13 राज्यों में 127 संस्थाओं को शामिल किया गया था। दूसरे चरण में 23 राज्यों के 191 संस्थानों को शामिल किया गया। दूसरा चरण 2010 अगस्त में समाप्त हुआ था। तीसरा चरण इसी साल शुरू होगा। technical institutes
तीसरे चरण के तहत पूर्वोत्तर के राज्यों के अलावा सात पिछड़े राज्यों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इनमें राज्य यूपी, बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान तथा ओडिशा शामिल हैं। तीन पहाड़ी राज्यों उत्तराखंड, हिमाचल और जम्मू-कश्मीर को भी इसमें शामिल किया गया है।