भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, अगस्त 2023 में औसत अधिकतम तापमान 1901 के बाद से सबसे अधिक दर्ज किया गया। इस हिसाब से इस वर्ष का अगस्त भारत में अब तक का सबसे गर्म और शुष्क महीना था।
इसे सबसे गर्म और शुष्क अगस्त के रूप में देखने का सबसे मुख्य कारण वर्षा की कमी और कमजोर मानसून है। इस वर्ष अगस्त में औसत वर्षा 161.7 मिमी तक हुई, जो अगस्त 2005 के पिछले रिकॉर्ड से 30.1 मिमी कम है।
जलवायु विशेषज्ञों का कहना है कि ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन तेजी से तीव्र और लंबे समय तक चलने वाली गर्मी की लहरों को सक्षम कर रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, मौसम की यह चिंताजनक प्रवृत्ति आगे भी बरक़रार रहेगी।
विशेषज्ञ इन मौसम संबंधी आपदाओं के लिए जलवायु परिवर्तन के बढ़ते प्रभाव को ज़िम्मेदार मानते हैं। मौसम विभाग ने सितंबर के लिए भी तापमान सामान्य से ऊपर जाने का पूर्वानुमान जताया है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार देश में अगस्त 2023 में औसत अधिकतम तापमान 35.4 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जो सामान्य से 1.2 डिग्री अधिक था। वर्षा नहीं होने के कारण अगस्त कम से कम 14 वर्षों में दूसरा सबसे शुष्क वर्ष बन गया। जबकि, अगस्त 2022 मात्र 41.6 मिमी वर्षा के साथ 14 वर्षों में सबसे शुष्क था, इस बार का अगस्त महीना उसी समय सीमा में दूसरा सबसे शुष्क वर्ष रहा।
अगस्त 2023 में औसत अधिकतम तापमान 35.4 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जो सामान्य से 1.2 डिग्री अधिक थाhttps://t.co/kGfbjdJRuN
— Quint Hindi (@QuintHindi) September 1, 2023
अगस्त महीने की 21 तारीख़ को एक दिन का उच्चतम तापमान 38.1 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया, जबकि महीने का औसत न्यूनतम तापमान 26.77 डिग्री सेल्सियस रहा। 31 अगस्त को भी तापमान सामान्य से ऊपर रहा, जो अधिकतम 36.8 डिग्री सेल्सियस तथा न्यूनतम 25.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
मौसम विभाग के मुताबिक़ सितंबर में कुछ राहत की उम्मीद है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस महीने पूरे देश में मानसूनी वर्षा की गतिविधि सामान्य स्तर पर लौटने के आसार हैं। इसके बावजूद मौसम विभाग ने सितंबर के लिए भी तापमान सामान्य से ऊपर जाने का पूर्वानुमान जताया है।
आईएमडी के अनुमान के अनुसार सितंबर में दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत तथा पश्चिम-मध्य भारत के कुछ इलाक़ों को छोड़कर देश के ज़्यादातर हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से ऊपर रहने की उम्मीद है।
सितंबर माह का पूर्वानुमान बताता है कि पूर्वोत्तर भारत, निकटवर्ती पूर्वी भारत, हिमालय की तलहटी और पूर्व-मध्य और दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत के कुछ क्षेत्रों में सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना है। हालांकि, देश के बाकी हिस्सों में सामान्य से कम बारिश की संभावना बनी हुई है।