आर्थराइटिस या ऑस्टियोपोरोसिस होने का खतरा खासतौर पर महिलाओं को ज्यादा होता है। लेकिन अगर वे कम उम्र से ही विटामिन डी और कैल्शियम को अपने आहार का अनिवार्य हिस्सा बना लें तो वे हड्डियों की कमजोरी और फ्रैक्चर से बच सकती हैं।
जोड़ों का दर्द अपनी जगह है, लेकिन एक्सपर्ट का सुझाव है कि इससे बचने के लिए कम उम्र से ही सावधानी बरतनी चाहिए। यह महत्वपूर्ण है कि वे अपने आहार में दूध और दही के अलावा बीन्स, गहरे हरे पत्ते वाली सब्जियां, मछली और बादाम का सेवन करें।
जानकार इस बात पर जोर देते हैं कि रोजाना 1000 से 1300 मिलीग्राम कैल्शियम का सेवन करना चाहिए।
इसके अलावा धूम्रपान से परहेज और नियमित व्यायाम करने से ऑस्टियोपोरोसिस के खतरे से बचा जा सकता है। अधेड़ उम्र की खासकर महिलाओं में मेनोपॉज के बाद हड्डियां ज्यादा प्रभावित होती हैं और बार-बार फ्रैक्चर हो सकता है।
जानकार इस बात पर जोर देते हैं कि इस स्थिति में रोजाना 1000 से 1300 मिलीग्राम कैल्शियम का सेवन करना चाहिए। इसके अलावा विटामिन डी से भरपूर खाद्य पदार्थों को विशेष महत्व देना चाहिए और दैनिक जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए।
हैरानी की बात ये है कि अब छोटे मकानों और बिल्डिंग कल्चर के कारण महिलाएं धूप में नहीं जाती हैं जबकि उनके लिए सुबह की धूप बेहद जरूरी है ताकि उनके शरीर में विटामिन डी बनने की प्रक्रिया तेज हो सके।