चुनाव आयोग से भारतीय जनता पार्टी ने अनुरोध किया है कि वह मतदान स्थल पर मतदाताओं को स्विच ऑफ मोबाइल रखने की इजाज़त दे। ऐसा न होने पर प्रत्येक बूथ के बाहर हेल्प डेस्क या बीएलओ के पास मोबाइल फोन जमा करने की सुविधा दी जाए। आयोग द्वारा पोलिंग को बढ़ावा देने के लिए बूथों के बाहर सेल्फी प्वाइंट भी बनाए गए हैं। यदि मतदाता को मोबाइल लेकर आने की अनुमति ही नहीं होगी तो आयोग का सेल्फी प्वाइंट बनाने का क्या मतलब है।
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री एवं चुनाव प्रबंधन प्रभारी जेपीएस राठौर ने इस सम्बन्ध में चुनाव आयोग संपर्क विभाग के प्रदेश संयोजक अखिलेश अवस्थी और सह-संयोजक नितिन माथुर व प्रखर मिश्र के नेतृत्व में निर्वाचन आयोग से मिले। चुनाव आयोग से प्रतिनिधिमंडल अलग से निर्देश जारी किए जाने की मांग उठाई।
इस माध्यम से चुनाव आयोग के चेताया गया है कि बूथ पर तैनात सुरक्षाकर्मी मोबाइल के साथ मतदाता को मत डालने की अनुमति नहीं देते हैं। मतदाता से फोन वापस रखकर आने को कहा जाता है। ऐसे में जब मतदाता वोट डालने दोबारा मतदानस्थल पर नहीं आता है। ऐसी शिकायतें बहुतायत में मिली हैं। पत्र में यह भी कहा गया है कि मतदान स्थल पर मोबाइल फोन जमा करने की कोई सुविधा ना होने की वजह से मतदान में काफी बाधा आ रही है क्योंकि मतदाता अनजाने में मोबाइल फोन अपने साथ रखता है। वैसे भी बिना मोबाइल के रहना आजकल व्यवहारिक नहीं है।
आयोग द्वारा पोलिंग को बढ़ावा देने के लिए बूथों के बाहर सेल्फी प्वाइंट भी बनाए गए हैं। ऐसे में यदि मोबाइल लेकर आने की अनुमति ही नहीं रहेगी तो आयोग का सेल्फी प्वाइंट बनाना व्यर्थ या अव्यवहारिक रहेगा। इसलिए आयोग से मांग की गई है कि वह मतदाताओं को पोलिंग बूथ के भीतर मोबाइल स्विच ऑफ मोड में रखकर मतदान करने की अनुमति प्रदान करे या मतदानस्थल पर फोन जमा करने की सुविधा दी जाए।