इस समय रोमेनिया बॉर्डर पर इकट्ठा हुए भारतीय छात्र सबसे दयनीय स्थिति में हैं। उनके लिए पीछे लोयना मुमकिन नहीं और आगे किधर जाएँ इसका कोई पता नहीं। तापमान माइनस में है और बॉर्डर के आसपास के रेस्टोरेंटमें ‘नो इंडियंस अलाउड’ का बोर्ड लगा है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक़ लगभग छह हज़ार छात्र पैदल या बसों के सहारे चलते हुए बॉर्डर पर जमा हो गए है मगर कोई मगर अभी तक इन्हे कोई सहूलियत नहीं पहुंची। एक खबर के अनुसार सुबह सात बजे बॉर्डर खुला जिसमे करीब 60-70 बच्चे अंदर किए गए और फिर से बॉर्डर बंद हो गया। उन्हें खबर दी गई है कि अब शाम को चार-पांच बजे इसे दोबारा खोला जायेगा।
Russia Ukraine War: रोमानिया बॉर्डर पर फंसे छह हजार से ज्यादा छात्र, आस-पास के रेस्टोरेंट पर लगा है 'नो इंडियंस अलाउड' का बोर्ड …
18 हजार में से 700 ही अभी तक आ पाए हैं 😢
10 घंटे से बर्फ बारी मे खडे हैं हमारे भारतीय छात्र..!!#indianstudentsinukraine pic.twitter.com/xWv5A7arxX— Kisan It Cell (@kisanItcell1) February 28, 2022
इन बच्चों को अभी तक कोई ऐसी सूचना भी नहीं दी गई है कि क्या शेड्यूल होगा और कितने बच्चे बॉर्डर से पार किए जाएंगे। इन बच्चों के पास खुद से जमा किया हुआ जो नाश्ता है वो भी पूरा नहीं है और सबसे बड़ा मसला ये है कि आस पास के किसी भी रेस्टोरेंट में उन्हें इंडियंस होने के कारण इंट्री नहीं मिल रही है।
रोमेनिया बॉर्डर पर कड़ाके की ठण्ड है। यहाँ दिन का तापमान 2-3 डिग्री है और रात में यह माइनस में हो जाता है। इन बच्चों के पास अभी तक कोई टेंट या शेल्टर होम जैसी सुविधा न होने के कारण ये खुले आसमान में रत गुजरने को मजबूर हैं।