नई दिल्ली : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने अपनी तीन दिवसीय व्याख्यान श्रृंखला के लिए बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी को निमंत्रण भेजा है। आरएसएस की यह तीन दिवसीय व्याख्यान श्रृंखला 17 सितंबर से 19 सितंबर दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित हो रही है।
व्याख्यान श्रृंखला का विषय ‘भविष्य का भारत’ है। समाचार एजेंसी यूएनआई ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव को भी न्योता भेजा गया है। समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक बसपा सुप्रीमो कार्यक्रम में शामिल हो सकती हैं लेकिन उनकी तरफ से अभी कोई पुष्टि नहीं हुई है। रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि अखिलेश और ममता शायद ही संघ के इस कार्यक्रम में शामिल हों। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कुछ नेताओं ने संघ से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को कार्यक्रम में शामिल होने का न्योता देने का सुझाव दिया है। भाजपा का यह वर्ग हालांकि, कांग्रेस के दूसरे बड़े नेताओं को बुलाने के पक्ष में नहीं है।
इसके पहले इस तरह की रिपोर्टें आईं कि आरएसएस कांग्रेस अध्यक्ष और पार्टी के दूसरे नेताओं को न्योता भेज सकता है लेकिन समाचार एजेंसी एएनआई ने कहा कि संघ यदि कांग्रेस अध्यक्ष को समारोह का न्योता भेजता है तो वह शायद ही इसे स्वीकार करें। एएनआई के मुताबिक कांग्रेस के नेताओं ने हाल ही में कोर ग्रूप की एक बैठक की थी जिसमें राहुल को आरएसएस के कार्यक्रम में शामिल न होने की सलाह दी गई। कांग्रेस नेताओं को लगता है कि इससे पार्टी कार्यकर्ताओं में गलत संदेश जाएगा।आरएसएस प्रचार प्रमुख अरुण कुमार के मुताबिक ‘भारत का भविष्य’ विषय पर संघ पहली बार तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है। इस कार्यक्रम के दौरान आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत राष्ट्रीय महत्व के समकालीन मुद्दों पर संघ के विचार रखेंगे।
अरुण कुमार से यह पूछे जाने पर कि क्या राहुल गांधी को निमंत्रण भेजा जाएगा। इस पर कुमार ने कहा कि कार्यक्रम में किसे बुलाना है और किसे नहीं, यह संघ का विशेषाधिकार है। उन्होंने कहा, ‘यह हम पर छोड़ दीजिए…राजनीतिक संगठनों, विचारधाराओं एवं धर्मों सहित सभी क्षेत्र के लोग इस कार्यक्रम में शामिल होंगे।’बताया जा रहा है कि आरएसएस के इस तीन दिवसीय कार्यक्रम में राजनीति, समाजिक एवं धार्मिक समूह, पूर्व नौकरशाह एवं अलग-अलग क्षेत्रों के करीब 3000 लोग शामिल होंगे।
बता दें कि गत जून में आरएसएस के कार्यक्रम में पूर्व राष्ट्रपति एवं कांग्रेस नेता प्रणब मुखर्जी शामिल हुए। आरएसएस मुख्यालय नागपुर में आयोजित इस कार्यक्रम में कांग्रेस के पूर्व नेता के शामिल होने को लेकर काफी राजनीति हुई।