नई दिल्ली। आयकर विभाग ने कालेधन और कर चोरी करने वालों के विरूद्ध कार्रवाई में तेजी लाते हुए कई मामलों में आपराधिक अभियोग शुरू किया है। इसके तहत चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से नवंबर के दौरान विभाग ने कुल 2225 मामलों में अभियोजन की कार्रवाई की है, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के 784 मामलों की तुलना में 184 प्रतिशत अधिक है।
विभाग ने आज यहां बताया कि कालेधन के विरूद्ध कार्रवाई को प्राथमिकता दी गयी है और इसके तहत कर चोरी करने वालों के विरूद्ध आपराधिक कार्रवाई की जा रही है। इसके साथ ही जानबूझकर कर नहीं चुकाने,जानबूझकर आयकर रिटर्न नहीं भरने, वेरिफिकेशन के दौरान गलत जानकारी देने, स्रोत पर कर संग्रह कर जमा नहीं कराने सहित कई तरह के मामलों में ये कार्रवाई की है।
उसने कहा कि चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से नवंबर के दौरान आठ महीने में कुल 2225 मामलों में अभियोजन की कार्रवाई की गयी है, जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष की यह संख्या 784 रही थी। इस तरह से इसमें 184 प्रतिशत की तेजी आयी है। इसी तरह से इस अवधि में विभाग ने 1052 मामलों में जांच पूरी की है, जो पिछले वित्त वर्ष के पहले आठ महीने में 575 मामलों की तुलना में 83 प्रतिशत अधिक है। मामलों की जांच तब पूरी मानी जाती है तब डिफाल्टर अपना अपराध स्वीकार करता है और नियम के तहत शुल्कों का भुगतान कर देता है।
विभाग द्वारा की गयी कार्रवाई के तहत अदालतों ने अप्रैल से नवंबर के दौरान कुल 48 कर चोरों को सजा सुनायी, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह संख्या 13 थी। इस तरह से इसमें 269 फीसदी की वृद्धि हुयी है।