वाशिंगटन : भारत में जन्मे अमेरिका के पूर्व शीर्ष संघीय अभियोजक प्रीत भरारा ने देश के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा उन्हें बर्खास्त किए जाने के फैसले को उन्होंने सोच समझकर उठाया गया कदम बताया है। Preet bharara
उन्होंने कहा है कि वह इस निर्णय को लेकर असंतोष नहीं जताना चाहते हैं, लेकिन वो चाहते हैं कि उनका निर्णय स्पष्ट हो।
भरारा को पिछले महीने सदर्न डिस्ट्रिक्ट ऑफ न्यूयार्क के अमेरिकी अटॉर्नी के पद से हटा दिया गया था जिसके बाद वह कल पहली बार सार्वजनिक रूप से सामने आए।
‘कूपर यूनियन फॉर द एडवांस्मेंट ऑफ साइंस एंड आर्ट’ में यहां ‘द जॉन जे इसेलिन मेमोरियल लेक्चर’ देते हुए भरारा ने करीब एक घंटे तक सभा को संबोधित किया।
उन्होंने उन्हें बर्खास्त किए जाने पर अपने विचार रखे और ट्रंप के टीवी शो ‘द अप्रेंटिस’ की तर्ज पर लोगों को बर्खास्त करने में राष्ट्रपति की सहमति को लेकर उन पर निशाना साधा।
उन्होंने राष्ट्रपति पद के चुनाव के बाद मैनहट्टन में ट्रंप टावर में ट्रंप और उनके बीच हुई बैठक का जिक्र करते हुए कहा कि ट्रंप ने उन्हें एक और कार्यकाल पूरा करने के लिए ‘‘स्पष्ट रूप से’’ कहा था और उन्होंने यह भी कहा था कि भरारा को सभी से यह कहना चाहिए कि ट्रंप चाहते हैं कि वे इस पद पर बने रहें।
48 वर्षीय भरारा ने कहा, ‘‘इसके बाद सबको जाने देने का निर्णय लिया गया जिसे लेकर मुझे किसी से कोई शिकायत नहीं है। मैंने कहा कि मैं इस्तीफा नहीं दूंगा और मुझे बर्खास्त किया जाए, इसका एक कारण यह था कि मैं चाहता था कि रिकार्ड हमेशा यह दर्शाएं कि यह निर्णय सोच समझकर लिया गया था।’’