पणजी : गोवा में विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद नई सरकार के गठन को लेकर पणजी से दिल्ली तक सियासत गर्मा गई है. मनोहर पर्रिकर आज सीएम पद की शपथ लेंगे. Parrikar
दूसरी ओर कांग्रेस इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है. सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई होगी.
कांग्रेस का आरोप है कि गोवा की राज्यपाल को सबसे बड़े दल को पहले मौका देना चाहिए.
बीजेपी को सरकार बनाने का मौका देने से विधायकों की खरीद-फरोख्त को बढ़ावा मिलेगा.
वहीं, गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने मनोहर पर्रिकर को सरकार बनाने का न्योता दिया है. उन्होंने रक्षा मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. पर्रिकर ने 21 विधायकों का समर्थन होने का एक पत्र राज्यपाल को सौंपा था.
कांग्रेस ने गोवा की राज्यपाल को पत्र लिखकर कहा कि सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते उसे सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया जाए.
पर्रिकर की ताजपोशी से पहले कांग्रेस ने राज्यपाल मृदुला सिन्हा से आग्रह किया है कि सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते उसे सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया जाए.
राज्यपाल को सौंपे ज्ञापन में कांग्रेस विधायक दल ने दावा किया कि पार्टी के पास विधायकों का पर्याप्त समर्थन है और वह सदन के पटल पर बहुत साबित कर सकती है.
इस बीच कांग्रेस इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है. प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति जे एस खेहर के आवास पर याचिका दायर की गई और न्यायमूर्ति खेहर ने मंगलवार को सुनवाई करने पर सहमति जताई.
इस सिलसिले में विशेष पीठ का गठन किया गया है क्योंकि शीर्ष अदालत होली पर एक सप्ताह के अवकाश पर है. गोवा कांग्रेस विधायक दल के नेता चंद्रकांत कवलेकर की ओर से दायर इस याचिका में मांग की गई है कि पर्रिकर के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर रोक लगाई जाए.
कांग्रेस की ओर से यह कदम उस वक्त उठाया गया है जब पर्रिकर के नेतृत्व में भजापा ने गोवा में अगली सरकार बनाने के लिए औपचारिक रूप से दावा पेश कर दिया.
भाजपा की ओर से दावा पेश करने के बाद राज्यपाल ने पर्रिकर को मुख्यमंत्री नियुक्त कर दिया और उनसे शपथ लेने के 15 दिनों के भीतर बहुमत साबित करने को कहा.