तुर्की में राष्ट्रपति अर्दोआन की सरकार का तख्तापलट करने की विफल कोशिश के बाद कथित षड़यंत्रकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई में देश के तीन शीर्ष जनरलों और सैकड़ों सैनिकों समेत तकरीबन 6000 लोगों को हिरासत में लिया गया है जबकि अर्दोआन ने अमेरिका आधारित धर्मगुरू फतहुल्ला को इसके लिए जिम्मेदार बताते हुए देश को इस विषाणु से मुक्त कराने का संकल्प लिया।
अर्दोआन ने यह भी कहा कि नाकाम तख्तापलट के बाद तुर्की सजाए मौत बहाल करने पर सोच सकता है। इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा समेत विश्व नेताओं ने सत्ता पर कब्जा के सेना के एक धड़े की कोशिश की कड़े शब्दों में निंदा की, लेकिन साथ ही बदले की कार्रवाई पर भी चिंता जताई। सरकारी समाचार एजेंसी अनादोलू के अनुसार न्याय मंत्री बाकर बोजदाग ने बताया, सफाया अभियान जारी है। हमने करीब 6,000 लोगों को हिरासत में लिया है। यह संख्या 6,000 से उपर जाएगी।
हिरासत में लिए गए लोगों में वरिष्ठ सैन्य कमांडर, शीर्ष न्यायाधीश, अभियोजक और अर्दोआन के एक सैन्य सलाहकार भी शामिल हैं। इसके अतिरिक्त सरकार के विरोधी समक्षे जाने वाले अनेक न्यायाधीशों और अभियोजकों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए गए हैं। सरकार ने तकरीबन 3000 न्यायाधीशों और अभियोजकों को उनके पद से बर्खास्त कर दिया है जबकि जांचकर्ता सरकार का तख्तापलट करने की कोशिश करने के आरोपों में षड़यंत्रकारियों के खिलाफ अदालती मामले तैयार कर रहे हैं।
पिछले दिनों सेना के एक गुट ने एर्दोगन सरकार को अपदस्थ करने का प्रयास किया था। बहरहाल, तख्तापलट का यह प्रयास नाकाम कर दिया गया। इस बीच, एक रिपोर्ट के अनुसार अर्दोआन ने तख्तापलट में मारे गए लोगों के जनाजे के अवसर पर अपने संबोधन में गुलेन की तरफ इशारा करते हुए कहा, हम राज्य के सभी निकायों से इस विषाणु का सफाया जारी रखेंगे क्योंकि यह विषाणु फैला है। बदकिस्मती से किसी कैंसर की तरह इसने राज्य को ढक लिया है।
अर्दोआन ने इस्तांबुल की फातिह मस्जिद में शोक मना रहे हजारों लोगों को आगाह करते हुए कहा, हम यह जानते हैं और हमने सभी संबंधित प्राधिकारों को कह दिया है। सरकार पहले ही कह चुकी है कि तख्तापलट की कोशिश में संदिग्ध संलिप्तता को लेकर करीब 3000 सैनिकों को हिरासत में लिया जा चुका है। देश में सरकार को पलटने की कवायद शुक्रवार की रात को शुरू की गयी थी लेकिन इसे विफल कर दिया गया।