भारत-चीन सीमा पर स्थित सीमांत जिले चमोली के माणा के समीप हुए हिमस्खलन में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए रेस्क्यू जारी है। खराब मौसम के चलते प्रदेश के कई जिलों में बारिश के आसार बने हुए हैं। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, जिला प्रशासन, आईटीबीपी और बीआरओ की टीमें लगातार राहत-बचाव कार्य में लगी हुई हैं।
चमोली में रेस्क्यू ऑपरेशन टीमों ने अब तक 47 मजूदरों को बाहर निकालने में सफलता पाई है। सुबह से रेस्क्यू ऑपरेशन के तहत 14 और मजदूरों को सुरक्षित लाया जा चुका है, जिसके बाद अब आठ मजदूरों की तलाश जारी है। इनमे से कुछ को गंभीर चोटें आई हैं। इन लोगों का इलाज चल रहा है।
मुख्यमंत्री धामी ने आज सुबह से युद्धस्तर पर राहत और बचाव कार्य संचालित किए जाने के आदेश दिए हैं। उन्होंने प्रत्येक श्रमिक की सुरक्षित वापसी के लिए हर संभव प्रयास किए जाने की भी बात कही है।
उत्तराखंड में शुक्रवार को भारत-चीन (तिब्बत) सीमा क्षेत्र में माणा कैंप के पास भारी हिमस्खलन में फंसे मजदूरों की तलाश के लिए आज शनिवार सुबह से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।
बताते चलें कि चमोली के माणा कैंप के समीप करीब शुक्रवार की सुबह आठ बजे हुए हिमस्खलन से वहां निर्माण कार्य में लगे 55 मजदूर बर्फ में दब गए।
मीडिया को जानकारी देते हुए चमोली के डीएम संदीप तिवारी का कहना है कि 57 मजदूरों में से 33 को रेस्क्यू कर लिया गया है। आर्मी को भी रेस्क्यू में लगाया गया है।
मुख्यमंत्री धामी ने हेली रेस्क्यू के लिए वायुसेना के हेलिकॉप्टर के अलावा यूकाडा के हेलिकॉप्टरों को भी शनिवार सुबह रेस्क्यू अभियान में शामिल करने के निर्देश दिए हैं। इन सबके बीच चमोली में हिमस्खलन का खतरा लगातार बना हुआ है।
मुख्यमंत्री धामी से फोन पर लगातार सम्पर्क में बने प्रधानमंत्री मोदी ने जनपद चमोली के माणा में फंसे श्रमिकों को सुरक्षित निकालने के लिए चलाए जा रहे रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी ली। प्रदेश में हो रही बारिश और हिमपात की स्थिति पर भी उन्होंने विस्तृत जानकारी ली। प्रधानमंत्री ने केंद्र सरकार की तरफ से किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए हर संभव सहायता प्रदान किए जाने का आश्वासन दिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़, मौसम अनुकूल होने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शनिवार को ग्राउंड जीरो पर जाकर स्थिति का जायजा भी ले सकते हैं।