अंसारुल्लाह ने कहा है कि आले सऊद सरकार, पैसे के बल पर संयुक्त राष्ट्र संघ के मत को अपने पक्ष में मोड़ देती है और इस प्रकार वह यमनी शहीदों के ख़ून को रौंदना चाहती है। ज्ञात रहे कि अमरीका ने मार्च 2015 में यमन पर ग़ैर क़ानूनी हमले शुरू किए थे।
समाचार एजेंसी सबा ने कहा है कि अल-हुदैदा के एक खेत में गिराए गए बम से आठ अन्य लोग मारे गए। इसके अतिरिक्त दामार प्रांत में एक सीमा शुल्क मुख्यालय पर किए गए हवाई हमले में चार लोग मारे गए, और 55 अन्य घायल हो गए।