वैज्ञानिकों ने एक सेंटीमीटर से भी छोटा वायरलेस उड़ने वाला रोबोट विकसित किया है। भौंरे की तरह एक फूल से दूसरे फूल पर जाने वाला, कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले के इंजीनियरों द्वारा विकसित एक नया कीट-प्रेरित उड़ने वाला रोबोट उड़ सकता है, दिशा बदल सकता है और छोटे लक्ष्यों को मार सकता है।
अंतर्राष्ट्रीय मीडिया के अनुसार, कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले के वैज्ञानिकों ने मधुमक्खियों से प्रेरित होकर एक बहुत छोटा रोबोट विकसित किया है। इसकी उड़ान को निर्देशित करने के लिए एक बाह्य चुंबकीय क्षेत्र (external magnetic field) का उपयोग किया जाता है।
भौंरे से प्रेरित यह रोबोट एक सेंटीमीटर से भी कम चौड़ा है और यह उड़ने के अलावा दिशा भी बदल सकता है। यह छोटे लक्ष्यों को मार सकता है।
यह रोबोट हवाई जहाज के पंखों की तरह एक छोटे प्रोपेलर जैसा दिखता है। एक सेंटीमीटर से भी छोटे इस रोबोट का वजन मात्र 21 मिलीग्राम है। इस छोटे रोबोट को ऊर्जा के लिए बैटरी की आवश्यकता होती है।
रोबोट की विशेषताओं के बारे में बताते हुए कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर लेवी लेन ने कहा कि यह रोबोट उड़ सकता है, इसे बिना तार के नियंत्रित किया जा सकता है, यह हेलीकॉप्टर की तरह हवा में मंडरा सकता है, दिशा बदल सकता है और यहां तक कि छोटे लक्ष्यों को भी निशाना बना सकता है, जो इस आकार के अन्य रोबोट नहीं कर सकते।
इस रोबोट में पुर्जे और उपकरण फिट करना निश्चित रूप से एक चुनौती थी मगर बर्कले की टीम ने न सिर्फ इस चुनौती का सामना किया बल्कि इसमें समयाबी भी पाई।