विश्व स्वास्थ्य संगठन से मिलने वाली रिपोर्ट की माने तो कोविड महामारी में बीते दो वर्षों में 1.33 से 1.66 करोड़ लोगों की मौत हुई है। प्राप्त आंकड़े बताते हैं कि महामारी से होने वाली मौत की संख्या से कुल मौत की संख्या सें तीन गुना अधिक है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की इस रिपोर्ट में महामारी और उससे सम्बंधित कारणों से होने वाली मौत की संख्या शामिल है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की इस रिपोर्ट की लम्बे समय से प्रतीक्षा की जा रही थी।
डब्ल्यूएचओ के प्रमुख @DrTedros का कहना है, "ये गंभीर आंकड़े ना सिर्फ महामारी के असर की ओर इशारा कर रहे हैं बल्कि सभी देशों को ज्यादा लचीले स्वास्थ्य तंत्र में निवेश करने की जरूरत है जो संकट के दौर में जरूरी स्वास्थ्य सेवा मुहैया करा सके."https://t.co/ugO5V6MCNb
— DW Hindi (@dw_hindi) May 6, 2022
डब्ल्यूएचओ के प्रमुख तेद्रोस अधनोम गेब्रेयेसुस के मुताबिक़ ये गंभीर आंकड़े ना सिर्फ महामारी के असर की ओर इशारा कर रहे हैं बल्कि सभी देशों को ज्यादा लचीले स्वास्थ्य तंत्र में निवेश करने की जरूरत पर भी व्यापक सुविधा मुहैया कराने का संकेत दे रहे हैं।
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक़ सबसे ज्यादा अतिरिक्त मौत यानी तकरीबन 84 फासदी मामले केवल दक्षिण पूर्वी एशिया, यूरोप और अमेरिका से हैं। संगठन के अनुसार केवल 10 देशों में ही 68 फीसदी अतिरिक्त मौत दर्ज की गई हैं। उच्च आय वाले देशों में 15 फीसदी अतिरिक्त मौत की रिपोर्ट है। जबकि उच्च मध्य आय वाले देशों में तकरीबन 28 प्रतिशत तथा निम्न मध्य आय वाले देशों में ये आंकड़ा 53 फीसदी है। हालांकि निम्न आया वाले देशों में यह आंकड़ा महज 4 फीसदी था।
हैरानी की बात ये है कि दुनियाभर में मौत का आंकड़ा महिलाओं और पुरुषों के लिए भी अलग देखने को मिला। रिपोर्ट के अनुसार मरने वाले वयस्कों में 57 फीसदी पुरुष जबकि 43 फीसदी औरतें हैं।
डब्ल्यूएचओ मुताबिक़ बहुत से देशों में मृत्यु दर पर नजर रखने का भरोसेमंद तरीका नहीं है और ऐसे में वो अतिरिक्त मौत की दर जानने के लिए जरूरी आंकड़े नहीं जुटा सकते। उनके मुताबिक़ 1.49 करोड़ का आंकड़ा दुनिया के विशेषज्ञों द्वारा तैयार किया है। इसके लिए इन लोगों ने ऐसे तरीके विकसित किए हैं जिससे कि कम आंकड़े होने पर भी सही आकलन किया जा सके।