जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक के अनशन को मंगलवार को 21वां दिन हो गया। उनका अनशन लद्दाख को राज्य का दर्जा दिए जाने तथा उसे संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर है।
लद्दाख के लोगों से वांगचुक ने राष्ट्र हित में इस बार ‘‘बहुत सावधानीपूर्वक’’ अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने का आह्वान किया है। लद्दाख में पांचवें चरण में 20 मई को लोकसभा चुनाव के लिए मतदान होगा।
सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में अपना वीडियो सन्देश साझा करते हुए उन्होंने लोगों तक अपना सन्देश पहुँचने का प्रयास किया है। आज मंगलवार को उनके अनशन का 21वां दिन हो गया।
अपनी इन्ही मांगों के लेकर अनशन का नेतृत्व कर रहे जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लोगों से किए वादे को पूरा करने की अपील की है।
21st Day OF MY #CLIMATEFAST
350 people slept in – 10 °C. 5000 people in the day here.
But still not a word from the government.
We need statesmen of integrity, farsightedness & wisdom in this country & not just shortsighted characterless politicians. And I very much hope that… pic.twitter.com/X06OmiG2ZG— Sonam Wangchuk (@Wangchuk66) March 26, 2024
सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर साझा किये गए वीडियो में वांगचुक बेहद कमजोर नज़र आ रहे हैं। हौरतलब है कि जलवायु कार्यकर्त्ता और प्रख्यात शिक्षा सुधारक वांगचुक लेह में स्थित एपेक्स बॉडी और करगिल डेमोक्रेटिक एलायंस (केडीए) के संयुक्त प्रतिनिधियों के बीच बातचीत के अगले दिन छह मार्च से ‘जलवायु अनशन’ कर रहे हैं। यहाँ का तापमान इस समय शून्य से नीचे है।
दोनों ही संगठन लद्दाख को राज्य का दर्जा दिए जाने तथा उसे छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर आंदोलन का संयुक्त रूप से नेतृत्व कर रहे हैं।
बताए चलें कि छठी अनुसूची में स्वायत्त जिला परिषदों के माध्यम से असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम में आदिवासी इलाकों के प्रशासन से जुड़े प्रावधान हैं।
सोनम वांगचुक का कहना है कि पिछले 20 दिनों में लद्दाख के तीन लाख निवासियों में से करीब 60,000 लोग इस अनशन में सम्मिलित हुए हैं लेकिन इस सरकार ने एक शब्द नहीं कहा।
आगे उन्होंने कहा- “हम लद्दाख में हिमालयी पहाड़ों के नाजुक पारिस्थितिकी तंत्र और यहां की अद्वितीय स्वदेशी जनजातीय संस्कृति की रक्षा के लिए अपने प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की चेतना को जगाने का प्रयास कर रहे हैं।’’