मैनचेस्टर में होने वाले एक हालिया अध्ययन में पाया गया है कि जो लोग ई-सिगरेट यानी वेप्स का इस्तेमाल करते हैं, वे शारीरिक रूप से कमजोर होते हैं। शोध बताता है कि युवाओं के स्वास्थ्य के लिए वेपिंग, तम्बाकू धूम्रपान के समान ही हानिकारक है।
मैनचेस्टर मेट्रोपॉलिटन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए इस अध्ययन में व्यायाम परीक्षण में वेपर्स और धूम्रपान करने वालों की तुलना की गई।
शोधों से पता चला है कि वेपिंग फेफड़ों की सूजन और क्षति, और रक्त वाहिकाओं में हानिकारक परिवर्तनों से जुड़ा हुआ है।
ऑस्ट्रिया के वियना में यूरोपीय श्वसन सोसायटी (ईआरएस) कांग्रेस में प्रस्तुत किए गए इस अध्ययन में 20 वर्ष की आयु के 60 लोगों से स्थिर व्यायाम बाइक का उपयोग करते समय अपने फेफड़ों की क्षमता दर्ज करने के लिए कहा गया।
60 प्रतिभागियों में से 20 ने कम से कम दो वर्षों तक वेप का उपयोग किया था, 20 ने कम से कम दो वर्षों तक धूम्रपान किया था और शेष 20 धूम्रपान न करने वाले थे।
शोधकर्ताओं ने प्रतिभागियों के हृदय, फेफड़ों और मांसपेशियों की प्रतिक्रियाओं का अधिक चुनौतीपूर्ण स्तरों पर विश्लेषण किया जब तक कि वे अपने अधिकतम स्तर पर नहीं पहुँच गए। उनकी धमनियों के काम करने के तरीके का विश्लेषण करने के लिए उन्हें रक्त परीक्षण और अल्ट्रासाउंड स्कैन भी दिया गया।
इसके अलावा वेप्स का शौक़ रखने वालों को उतनी ही स्वास्थ्य समस्याएं हुईं जितनी उन लोगों को हुईं जिन्होंने दो साल में सिगरेट पीने में उतना ही समय बिताया था।
धूम्रपान और वेपिंग करने वाले दोनों ही समूहों में सांस फूलने की समस्या अधिक थी, पैरों में बहुत अधिक थकान थी और उनके रक्त में लैक्टेट का स्तर अधिक था।
यूके में मैनचेस्टर मेट्रोपॉलिटन यूनिवर्सिटी में प्रमुख लेखक डॉक्टर अज़मी फैसल ने कहा कि परीक्षण में भाग लेने वाले युवा वयस्कों को सांस लेने में तकलीफ महसूस हुई। इन लोगों की मांसपेशियों में अधिक थकान ने इन्हे बाक़ी लोगों के मुक़ाबले कम फिट लोगों की कतार में शामिल कर दिया।