उत्तर प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के सदस्यों ने आज आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सदन में अपने भाषण के दौरान ‘असंसदीय भाषा’ का इस्तेमाल किया. विपक्ष योगी की टिप्पणी को कार्यवाही से बाहर करने की मांग कर रहा है.
गुरुवार को सदन की बैठक शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष राम गोविन्द चौधरी ने उक्त मुद्दा उठाया. उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने अनुपूरक बजट पर कल अपने वक्तव्य में असंसदीय भाषा का इस्तेमाल किया. सपा के पारसनाथ यादव ने कहा कि ‘योगी’ होने के बावजूद सदन में मुख्यमंत्री का ऐसा वक्तव्य दर्शाता है कि उनमें अनुभव की कमी है.
कांग्रेस नेता अजय कुमार लल्लू ने कहा कि राजनीतिक दलों और लोगों की तुलना जानवरों से की गयी. यह अच्छी बात नहीं है और असंसदीय शब्दों को सदन की कार्यवाही से हटा देना चाहिए.
संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने जवाब देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के भाषण में असंसदीय भाषा का इस्तेमाल नहीं हुआ है. मुख्यमंत्री ने कई बार तुलनाएं कीं लेकिन किसी का नाम नहीं लिया. अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि इस प्रकरण पर वह अपना फैसला सुरक्षित कर रहे हैं.
वह मंत्री से इस संबंध में चर्चा करेंगे. कानून व्यवस्था को लेकर लगातार विपक्ष के निशाने पर रहने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कल पलटवार करते हुए कहा था कि कानून व्यवस्था पर प्रश्न खड़े करने वालों को ‘दृष्टिदोष’ हो गया है.