संयुक्त राष्ट्र महासभा ने मानवीय आधार पर गाजा में तत्काल युद्धविराम का प्रस्ताव भारी बहुमत से मंज़ूर हो गया है। भारत ने इसके पक्ष में वोट किया।
अंतर्राष्ट्रीय मीडिया एजेंसियों के अनुसार, 153 देशों ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया, जबकि संयुक्त राज्य अमेरिका और इज़राइल सहित 10 देशों ने प्रस्ताव का विरोध किया। सदस्यीय महासभा के 193 में से 23 देशों ने मतदान में भाग नहीं लिया।
मंगलवार को वर्ल्ड बैंक ने भी ऐलान किया है कि वो गाजा की मदद के लिए तुरंत 20 लॉख डॉलर दे रहा है। यह राशि 35 मिलियन डॉलर के रिलीफ पैकेज का हिस्सा हैं, जिसका कुछ दिन पहले ऐलान किया गया था।
कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड ने गाजा युद्धविराम के प्रयासों का समर्थन किया है। वहीं संयुक्त राष्ट्र में फिलिस्तीन के प्रतिनिधि ने महासभा में युद्धविराम प्रस्ताव को मंजूरी दिए जाने को ऐतिहासिक दिन बताया है।
#WATCH | United Nations General Assembly adopts the resolution 'Protection of civilians and upholding legal and humanitarian obligations', demanding an immediate humanitarian ceasefire in Gaza, with 153 votes in its favour including India, and 10 votes against the resolution… pic.twitter.com/TcSznKNg9L
— ANI (@ANI) December 12, 2023
इस बीच इजराइल में हमास की कैद में मौजूद बंधकों की रिहाई के लिए प्रदर्शन जारी हैं। तेल अवीव में लोगों ने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय के सामने प्रदर्शन किए। इन लोगों के हाथ में बैनर थे और इन पर लिखा था- बंधकों को वापस लेकर आओ।
इससे पहले, संयुक्त राज्य अमरीका ने सुरक्षा परिषद में युद्धविराम प्रस्ताव पर वीटो कर दिया था। गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्ताव का कार्यान्वयन अनिवार्य नहीं है। अनुपालन न करने वालों के विरुद्ध किसी भी किस्म की कार्रवाई नहीं की जा सकती है।
इजराइल पर हमास ने 7 अक्टूबर को हमला कर दिया था। उसने इजराइल के खिलाफ अपने ऑपरेशन को ‘अल-अक्सा फ्लड’ नाम दिया। जवाब में इजराइल की सेना ने हमास के खिलाफ ‘सोर्ड्स ऑफ आयरन’ ऑपरेशन की शुरुआत की।
गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक़, गाजा में अब तक कम से कम 18,205 फिलिस्तीनी मारे गए हैं, जिनमें से लगभग 70 प्रतिशत महिलाएं और बच्चे हैं। युद्ध में घायलों की संख्या लगभग 49,645 बताई गई है।