बोस्निया और हर्जेगोविना में सर्ब बलों द्वारा मुसलमानों के नरसंहार के बाद संयुक्त राष्ट्र ने 11 जुलाई को अंतर्राष्ट्रीय सर्ब नरसंहार दिवस घोषित किया।
अंतर्राष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, संयुक्त राष्ट्र महासभा में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। यह प्रस्ताव जर्मनी और रवांडा के साथ संयुक्त राज्य अमरीका और 17 अन्य देशों ने पेश किया था।
इस प्रस्ताव का मसौदा जर्मनी और रवांडा ने पेश किया था, और यह प्रस्ताव 84 देशों के रिकॉर्ड समर्थन से पारित हुआ। प्रस्ताव के विरोध में 19 वोट पड़े जबकि 68 देशों ने मतदान में भाग नहीं लिया।
इस प्रस्ताव को 193 सदस्य देशों में से 84 देशों के साधारण बहुमत से मंजूरी मिली। इसके विरोध में 19 मत पड़े जबकि 68 सदस्य देश इस मतदान में शामिल नहीं रहे।
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 11 जुलाई को, स्रेब्रेनीत्सा में 1995 में हुए जनसंहार की याद और आत्ममन्थन का अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनोनीत किया है। उस जनसंहार में कम से कम 8 हज़ार 372 लोग मारे गए थे और लगभग 20 हज़ार लोगों को वहाँ से बाहर निकाल दिया था। इस हमले में पूरे के पूरे समुदाय तबाह हो गए थे। प्रस्ताव में कहा गया है कि 11 जुलाई को प्रतिवर्ष 1995 में स्रेब्रेनीत्सा में नरसंहार दिवस के रूप में मनाया जाएगा।
यूएन महासभा ने महासचिव से इस प्रस्ताव को पारित करते हुए इसी विषय के साथ वर्ष 2025 में स्रेब्रेनीत्सा जनसंहार के 30 वर्ष होने के अवसर पर, एक जनसम्पर्क कार्यक्रम शुरू किए जाने का भी अनुरोध किया है।
इसके लिए, जनसंहार को नकारे जाने और उसके बारे में तोड़-मरोड़कर जानकारी पेश किए जाने को रोकने तथा भविष्य में जनसंहार को रोकने के लिए देशों की शैक्षणिक प्रणालियों का सहारा लिए जाने का अनुरोध किया गया है।