केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने देश के पहले एआई सर्वर आदिपोली (Adipoli) का प्रदर्शन किया। उन्होंने बताया कि भारत में निर्मित इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद तेजी से विश्वसनीय और वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी बन रहे हैं।
पूरी तरह से भारत में डिज़ाइन एआई सर्वर ‘आदिपोली’ 8 जीपीयू से लैस है। एडवांस इलेक्ट्रॉनिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की यह तकनीक देश की बढ़ती ताकत को प्रदर्शित करता है।
बताते चलें कि एआई सर्वर आदिपोली को बनाने में वीवीडीएन टेक्नोलॉजी की मदद ली गई है। इस मौके पर वीवीडीएन टेक्नोलॉजीज की जानकारी देने के साथ उन्होंने इसके लॉन्च को “मेक इन इंडिया” पहल के लिए एक बड़ा कदम बताया।
इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने यह जानकारी भी दी कि बौद्धिक संपदा अधिकारों की रक्षा पर भारत का ध्यान अंतरराष्ट्रीय बाजारों में मान्यता प्राप्त कर रहा है, जिससे निवेशकों का विश्वास बढ़ रहा है। साथ ही इससे देश में नवाचार को बढ़ावा मिल रहा है।
अश्विनी वैष्णव ने कहा कि भारत में विनिर्मित उत्पादों अपनी विश्वसनीयता के चलते वैश्विक मान्यता हासिल कर रहे हैं। उन्होंने पिछले दशक में भारत के इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण में और निर्यात में कई गुना की वृद्धि की भी जानकारी दी।
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को मानेसर में वीवीडीएन टेक्नोलॉजीज की एसएमटी (सरफेस माउंट टेक्नोलॉजी) लाइन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पिछले दशक में भारत में इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण पांच गुना होकर 11 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया है।
उन्होंने जानकारी में बताया कि इस अवधि में निर्यात में छह गुना वृद्धि हुई है, जो 3.25 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया है। पूरे क्षेत्र को मिलाकर 25 लाख नौकरियों का सृजन हुआ है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत की डिजाइन क्षमताओं ने जटिल उत्पादों कृत्रिम मेधा से लैस कैमरों से लेकर मोटर वाहन इलेक्ट्रॉनिक तथा दूरसंचार नेटवर्क उपकरण से लेकर पावर इलेक्ट्रॉनिक तक के लिए मार्ग प्रशस्त किया है। इससे भारत का कद ‘इलेक्ट्रॉनिक हब’ के रूप में बढ़ा है।