मुख्य सचिव ने निर्देश जारी किए हैं कि सरकारी कर्मियों ने हेलमेट, सीट बेल्ट नहीं लगाई तो कार्यालय में अनुपस्थिति दर्ज होगी। मुख्य सचिव के निर्देश पर 15 दिन का सड़क सुरक्षा अभियान शुरू हो गया है। साथ ही प्रदेश भर में सर्वाधिक दुर्घटना मृत्यु वाले 50 ब्लैकस्पॉट चिह्नित किए जाएंगे।
सड़क सुरक्षा अभियान के तहत प्रदेश के सरकारी अधिकारी और कर्मचारियों के लिए नया आदेश आया है। हेलमेट और सीट बेल्ट से जुड़े नियमों की अनदेखी करने पर सरकारी महकमे के कर्मचारियों को नुकसान उठाना पड़ सकता है।
बुधवार से प्रारंभ हुए 15 दिवसीय सड़क सुरक्षा अभियान के तहत मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने सरकारी विभागों के कार्यालयों में कर्मियों को आदेश पालन न करने पर सख्त रवैया अपनाने का निर्देश दिया है। हेलमेट और सीट बेल्ट नहीं लगाने वाले कार्मिकों पर सख्ती बरती जाएगी।
आज से शुरू हो रहा है 15 दिन का सड़क सुरक्षा अभियान
0- मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने दिए आदेश
0- सरकारी अफसर और कर्मचारियों के लिए सख्त आदेश
0- सरकारी अधिकारी औरकर्मचारी हेलमेट तथा सीट बेल्ट लगाकर पहुंचे
0- हेलमेट और सीट बेल्ट नहीं लगाने पर अनुपस्थिति दर्ज होगी
0- स्कूल और कालेज के बच्चों को भी करना होगा आदेश का पालन
लोगों को यातायात व सड़क सुरक्षा नियमों के प्रति जागरूक करने के साथ इसमें कमी लाने के लिए प्रदेश सरकार ने अपनी मुहिम शुरू कर दी है। इस संबंध में सभी को सार्वजनिक रूप से अवगत कराने के लिए कार्यालय परिसर में चेतावनी सूचक बोर्ड लगाने का भी निर्देश दिया गया है।
इतना ही नहीं, नियमों की अनदेखी के बाद अगर पुनरावृत्ति होती है तो कार्यालय में प्रवेश निषेध करने के साथ कर्मचारी को अनुपस्थित माना जाएगा। इसके लिए सुरक्षाकर्मियों के साथ सीसीटीवी की भी मदद ली जाएगी।
साथ ही स्कूल, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों में भी बिना लाइसेंस और हेलमेट के प्रवेश करने वाले विद्यार्थियों को रोड सेफ्टी क्लब के जरिए जागरूक करने के निर्देश दिए गए हैं।
सड़क दुर्घटना और उसमें होने वाली मौतों की बढ़ती संख्या को राज्य सरकार के लिए चिंता का विषय बताते हुए मुख्य सचिव का कहना है कि इसमें कमी लाना सर्वोच्च प्राथमिकताओं में है।
सड़क मार्ग पर होने वाले अधिक और अव्यवस्थित ट्रैफिक के अलावा धार्मिक आयोजनों के दौरान सभी संबंधित विभाग सड़क सुरक्षा पखवाड़ा का आयोजन करेंगे।
सड़क सुरक्षा पखवाड़े के दौरान मार्गों पर अवैध रूप से खड़े वाहनों, खराब वाहनों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने तथा लगातार गश्त लगाए जाने की भी बात कही गई है।
सड़क दुर्घटना मृत्यु वाले मामलों की जांच के लिए एक जिला स्तरीय समन्वय समिति का गठन किए जाने की भी बात कही गई है। समिति द्वारा जिले की खतरनाक सड़कों को चिह्नित करने तथा नगर विकास विभाग द्वारा सड़कों पर स्ट्रीट लाइट लगवाए जाने का भी काम किया जाएगा।