आने वाले समय में बोर्ड की परीक्षा साल में दो बार आयोजित की जा सकती है। वहीं, 10वीं में 8 विषयों को अनिवार्य किया जा सकता है।
नए नेशनल करिकुलम फ्रंवरक यानी NCF बनाने के लिए केंद्र सरकार ने एक विशेषज्ञ पैनल की नियुक्ति की है। इसके तहत शिक्षा सम्बन्धी बदलाव की सिफारिशें की गई है।
अब साल में दो बार बोर्ड परीक्षा तथा 12वीं कक्षा के लिए एक सेमेस्टर प्रणाली की सिफारिश की गई है। इसके अलावा पैनल ने छात्रों को विज्ञान और मानविकी विषय हटाने की आज़ादी की सिफारिश भी की है।
माना जा रहा है कि जल्दी ही कक्षा 12 के लिए वर्ष में दो बार बोर्ड परीक्षा आयोजित की जाएगी। नई शिक्षा नीति 2020 में भी इसका सुझाव दिया गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इसरो के पूर्व अध्यक्ष के कस्तूरीरंगन की 12 सदस्यीय संचालन समिति द्वारा तैयार की जा रही सिफारिशों को अपनाने के बाद शिक्षा में बड़े बदलाव होंगे। कक्षा 9 और 10 में होने वाले बदलाव के बाद छात्रों को आठ पेपर पास करने पद सकते हैं। अभीतक ज़्यादातर बोर्ड के छात्रों को कक्षा 10 में कम से कम पांच विषयों को पास करना होता है।
इसे पूर्व एनसीएफ में 2005 में आखिरी बार कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के दवरा संशोधित किया गया था। एनसीईआरटी की ओर से जारी और सीबीएसई के स्कूलों में पढ़ाई जाने वाली पाठ्यपुस्तकों में भी बदलाव किए जाएंगे। यह बदलाव एनईपी 2020 के आधार पर विषयों के चुनाव, शिक्षण के पैटर्न और मूल्यांकन सहित कक्षा के विभिन्न अन्य पहलुओं का भी पुनर्गठन करेगा।