एलएसी यानी अरुणाचल के तवांग स्थिति वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत और चीन के मध् सैनिक मुठभेड़ अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता के दायरे में आ गया है। संयुक्त राष्ट्र ने भी इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए अपनी राय प्रस्तुत की है। मुठभेड़ में किसी सैनिक की जान नहीं गई और न ही कोई गंभीर रूप से घायल हुआ है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भारत-चीन सीमा पर जारी तनाव को कम करने की बात कही है। एक साल के जवाब में यूएन प्रमुख के प्रवक्ता स्टीफन दुजैरिक ने भारत और चीन के बीच टकराव पर कहा- “हमें मीडिया में कुछ जानकारी प्राप्त हुई है। हम दोनों देशों से तनाव को कम करने के लिए कहेंगे। यह सुनिश्चित होना चाहिए कि इलाके में तनाव न बढ़े।”
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— Amar Ujala (@AmarUjalaNews) December 14, 2022
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जानकारी दी कि भारतीय सेना ने नौ दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के यांग्त्से क्षेत्र में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की कोशिश को नाकाम कर दिया।राजनाथ सिंह ने मीडिया में भारत और चीन के सैनिकों के मध्य झड़प को लेकर इस मुद्दे पर लोकसभा और राज्यसभा में बयान दिया था। उन्होंने कहा था- “भारतीय सेना ने बहादुरी से पीएलए को हमारे क्षेत्र में अतिक्रमण करने से रोका और उसे अपनी चौकियों पर वापस जाने के लिए मजबूर कर दिया। झड़प में दोनों पक्षों के कुछ सैनिक घायल हो गए।”
इस सम्बन्ध में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन अपने बयान में कहा है कि भारत से लगी सीमा पर हालात स्थिर हैं। बीजिंग में एक पत्रकार वार्ता के दौरान उन्होंने कहा था कि दोनों पक्षों ने राजनयिक और सैन्य जरियों से सीमा से जुड़े मुद्दों पर सुचारू सपंर्क बनाए रखा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जून 2020 में गलवान घाटी में हुए खूनी संघर्ष के बाद दोनों देशों के सैनिकों के मध्य यह पहली बड़ी झड़प है।