26 नवंबर को देश संविधान दिवस के रूप में मनाता है। आज के दिन 1949 में संविधान सभा द्वारा भारतीय संविधान को अपनाया गया था।
भारत की आज़ादी के बाद संविधान सभा ने संविधान का मसौदा तैयार करने का काम डॉक्टर बी आर अंबेडकर की अध्यक्षता वाली समिति को सौंपा था। देश के पहले राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद संविधान सभा के अध्यक्ष थे, जिसकी स्थापना 1946 में हुई थी। पहले, इस दिन को कानून दिवस के रूप में मनाया जाता था।
भारतीय संविधान अंग्रेजी संस्करण में 1,17,360 शब्दों वाला दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। इसका मसौदा तैयार करने में संविधान सभा को लगभग तीन वर्ष का समय लगा।
साल 2015 में भारत सरकार ने “निवासियों के बीच संवैधानिक मूल्यों” को आगे बढ़ाने के लिए 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में स्थापित करने का फैसला लिया। डॉक्टर भीम राव अंबेडकर की 125वीं जयंती मानते हुए इस दिन की घोषणा की गई थी।
डॉक्टर अंबेडकर ने भारतीय संविधान का मसौदा 1948 की शुरुआत में तैयार करने के बाद इसे संविधान सभा में पेश किया। इसे बहुत कम संशोधनों के साथ 26 नवंबर, 1949 को अपनाया गया था। इस तरह 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान लागू हुआ और इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया गया।
स्वतंत्र भारत के लिए संविधान का मसौदा तैयार करने के काम में संविधान सभा को लगभग तीन वर्ष का समय लगा। भारतीय संविधान अंग्रेजी संस्करण में 1,17,360 शब्दों वाला दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है।
भारतीय संविधान की प्रस्तावना की प्रेरणा अमरीकी संविधान से ली गई है। हिज तरह अमरीका के संविधान की प्रस्तावना की शुरुआत ‘वी द पीपुल ऑफ यूनाइटेड स्टेट्स’ से होती है, ठीक वैसे ही भारत के संविधान की प्रस्तावना की शुरुआत ‘वी द पीपुल ऑफ इंडिया’ यानी ‘हम भारत के लोग’ से होती है।
भारत के संविधान की प्रस्तावना ही इसका महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह संविधान के मार्गदर्शक सिद्धांतों को तय करती है और राष्ट्र के आदर्शों की याद दिलाती है।