उम्र के साथ इंसान की त्वचा में बदलाव आता है, जैसे-जैसे बुढ़ापा आता है, त्वचा भी अपना असर दिखाती है और हमारी त्वचा पर झुर्रियां पड़ने लगती हैं।
कभी-कभी झुर्रियां समय से पहले दिखाई दे सकती हैं। कुछ सावधानियां बरत कर इन ट्रिगर्स को नियंत्रित किया जा सकता है।
उदाहरण के लिए सीधे सूर्य की किरणों से बचें। अधिक पानी का उपयोग करें। त्वचा को सूखने से रोकें, लोशन का उपयोग करें, और झुर्रियों को कम करने के लिए इसे बढ़ावा देने वाले कुछ खाद्य पदार्थों से बचें।
तला हुआ खाना
फ्रेंच फ्राइज किसे पसंद नहीं है, लेकिन रोजाना इनका सेवन हानिकारक हो सकता है, यह आपकी सेहत के लिए खराब है और इसका असर आपकी त्वचा पर कभी मुंहासे तो कभी झुर्रियां के रूप में दिखने लगता है।
सफेद चीनी
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार सफेद चीनी हमारे स्वास्थ्य पर कई नकारात्मक प्रभाव डालती है, इसलिए बेहतर होगा कि जितना हो सके इसके इस्तेमाल से बचें और ब्राउन शुगर का इस्तेमाल करें। तले हुए खाद्य पदार्थों की तरह, सफेद चीनी कोलेजन-निर्माण AGEs के निर्माण को बढ़ावा देती है।
मक्खन
बेशक बढ़ते बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए मक्खन आवश्यक हो सकता है, लेकिन इसका अधिक सेवन आपके लिए हानिकारक हो सकता है। जो लोग मक्खन का उपयोग नहीं करते हैं उनमें बाद में झुर्रियां पड़ जाती हैं। इसमें मौजूद फैटी एसिड त्वचा को पराबैंगनी किरणों के प्रति अधिक संवेदनशील बनाते हैं, जो त्वचा के कोलेजन और लोच को नुकसान पहुंचा सकते हैं। मक्खन के बजाय जैतून का तेल या एवोकैडो का उपयोग करना एक बेहतर विकल्प है।
दूध और दही
स्वास्थ्य विशेषज्ञ अभी भी इस बात को लेकर असमंजस में हैं कि डेयरी उत्पाद मानव स्वास्थ्य के लिए कितने उपयोगी हैं। दूध जहां हड्डियों के लिए सबसे अच्छा भोजन है, वहीं इससे त्वचा पर मुंहासे या पाचन संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं।
हालांकि डेयरी शरीर में सूजन को बढ़ा सकती है, जिससे ऑक्सीडेटिव तनाव होता है। ऑक्सीडेटिव तनाव समय से पहले बूढ़ा होने का एक प्रमुख कारण है।