रूस के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र महासभा में कल के दिननिंदा प्रस्ताव लाया गया था। इस निंदा प्रस्ताव के पक्ष में 141 देशों ने वोट किया जबकि 5 देश इसके विरोध में दिखे। भारत, चीन और पाकिस्तान सहित 35 देशों ने इस प्रस्ताव पर वोटिंग से दूरी बनाए रखी। अफ्रीकी देशों में से ऐरीट्रिया सहित उत्तर कोरिया, रूस, सीरिया, बेलारूस और ऐरीट्रिया जैसे देश प्रस्ताव के विरोध में मतदान किया।
रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण पर सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद ने रूस का साथ दिया है। उनके मुताबिक़ पुतिन इतिहास को सही कर रहे हैं। पिछले कुछ सालों से अमेरिका असद को सीरिया की गद्दी से हटाना चाह रहा है लेकिन पुतिन की मदद से वह अब तक सत्ता में बने हुए हैं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि यही कारण है कि सीरिया रूस के पाले में नजर आ रहा है।
बेलारूस ने यूक्रेन युद्ध में रूस की लगातार मदद की है। साल 2020 में बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको के खिलाफ देश में भारी विद्रोह रहा। लोगों ने महीनों तक लुकाशेंको के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। रूस ने बेलारूस की इकॉनमी को कई बार उबारा है। ऐसे में जब रूस को यूक्रेन में बेलारूस की मदद की जरूरत थी तो बेलारूस नहीं कहने की स्थिति में नहीं था।
अमेरिका द्वारा उत्तर कोरिया पर कई तरह के प्रतिबंध लगे हैं। इसके चलते दोनों देशों के बीच संबंध बेहद बुरे हालत में हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि रूस ने इन प्रतिबंधों के असर को कम करने के लिए उत्तर कोरिया की लगातार मदद की है, यही कारण है कि यूक्रेन युद्ध में उत्तर कोरिया रूस के साथ है।