महिलाओं की बेहतरी के लिए काम करने वाले संगठन यूएन वीमेन का कहना है कि यूक्रेन में तीन साल के युद्ध ने महिलाओं और लड़कियों की दशकों की प्रगति को उलट दिया है, जिसके कारण लाखों लोगों को तत्काल सहायता की आवश्यकता है।
रूस द्वारा यूक्रेन पर किए गए आक्रमण ने यहाँ 18 लाख से अधिक महिलाओं को अपने घरों से विस्थापित होने के लिए मजबूर किया है। इसके अलावा लगभग 67 लाख महिलाओं को मानवीय सहायता की ज़रूरत है।
यूएन वीमेन के अनुसार, इस युद्ध के चलते करीब 3 हज़ार 799 से अधिक महिलाओं और 289 लड़कियों की मौत हो गई है। इस संबंध में स्थानीय संस्थानों का मानना है कि वास्तविक संख्या इससे कहीं अधिक है।
लिंग आधारित हिंसा के बढ़ते जोखिम के बीच, यूक्रेनी महिलाऐं बेरोज़गारी, निर्णय लेने की शक्ति में कमी, अधिक घरेलू बोझ और गम्भीर मानसिक स्वास्थ्य संकट का सामना कर रही हैं।
यूएन वीमेन की प्रतिनिधि सबाइन फ़्रीज़र गुनेस का कहना है- “पूर्ण पैमाने पर युद्ध ने यूक्रेनी महिलाओं की एक पूरी पीढ़ी को पीछे धकेल दिया है।“
इन महिलाओं के हवाले से सबाइन बताती हैं कि वे लिंग आधारित हिंसा के बढ़ते जोखिम, बढ़ती बेरोज़गारी, निर्णय लेने की शक्ति में कमी, अधिक घरेलू बोझ और गम्भीर मानसिक स्वास्थ्य संकट का सामना कर रही हैं।
यूएन वीमैन के मुताबिक़, 2022 से लिंग आधारित हिंसा में, 36 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो आंशिक रूप से युद्ध से सम्बन्धित तनाव के कारण है। इन लात में महिलाओं और लड़कियों में अवसाद की दर और भी बदतर पाई गई है।
आर्थिक मोर्चे पर अवसर कम हो गए हैं। 2024 तक विस्थापित महिलाओं में से आधे से भी कम के पास आय वाला रोज़गार था, जबकि युद्ध की शुरुआत से लैंगिक वेतन में अन्तर दोगुना हो गया है।
इस बीच भोजन पकाने से लेकर बच्चों की देखभाल तक, बिना आय वाली देखभाल की ज़िम्मेदारी का बोझ बढ़ गया है क्योंकि बच्चों की देखभाल करने वाले सेवा केन्द्र बन्द हो चुकी हैं।
यूक्रेनी महिलाएँ इन कठिनाइयों के बावजूद मानवीय सहायता कार्यों का नेतृत्व कर रही हैं और आर्थिक मज़बूती भी हासिल कर रही हैं। रिपोर्ट से पता चला है कि 2024 में महिलाओं ने बच्चों की देखभाल पर औसतन 56 घंटे प्रति सप्ताह बिताए, जबकि युद्ध से पहले यह अवधि 49 घंटे थी।
महिलाओं ने सहायता कर्मी, सामुदायिक नेता और उद्यमी के रूप में महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाई हैं। वर्तमान में यूक्रेन में हर दो व्यवसायों में से एक व्यवसाय, एक महिला द्वारा स्थापित किया गया है। यहाँ महिलाएँ, सुरक्षा, परिवहन और खनन जैसे, पारम्परिक रूप से पुरुष-प्रधान क्षेत्रों में भी प्रवेश कर रही हैं।
2024 में यूएन वीमेन द्वारा युद्ध से प्रभावित एक लाख 80 हज़ार से अधिक महिलाओं और लड़कियों का समर्थन किया गया जिन्हे महिला शान्ति और मानवीय कोष के तहत सहयोग की ज़रूरत थी।
गौरतलब है कि एजेंसी द्वारा महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता को मज़बूत करने के लिए जीवन रक्षक मानवीय सहायता, मनोवैज्ञानिक और क़ानूनी सहायता, सुरक्षा सेवाएँ और कार्यक्रम मुहैया कराए जाते हैं।
यूएन वीमैन संगठन, यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहा है कि महिलाओं को निर्णय लेने और पुनर्बहाली प्रयासों में शामिल किया जाए, समान अधिकार और प्रतिनिधित्व सुरक्षित करने के लिए, क़ानूनी सुधारों की हिमायत की जाए।