पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के चीफ इमरान खान की गिरफ्तारी पर आज 11 मई को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस उमर अता बंदियाल ने इस गिरफ्तारी को गैरकानूनी करार देते हुए इस पर नाराजगी जताई।
इमरान खान की गिरफ्तारी पर कोर्ट ने कहा कि इस्लामाबाद हाईकोर्ट के कैम्पस में होने वाली इस गिरफ्तारी से न्यायपालिका की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है।
कोर्ट ने एनएबी से जवाब तलब किया है कि इस तरह कैसे किसी को कोर्ट से गिरफ्तार किया जा सकता है? आगे उन्होंने कहा कि एनएबी ने कोर्ट का अपमान किया है। मामले की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस उमर अता बंदियाल ने कहा कि कोर्ट में भय का माहौल बनाया गया।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में एक घंटे के अंदर इमरान खान को कोर्ट में पेश करने को कहा। इसके साथ ही चीफ जस्टिस बंदियाल ने सख्त हिदायत देते हुए कहा कि इमरान खान के आने पर सियासी नेता और कार्यकर्ता सुप्रीम कोर्ट में न आएं।
पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट का फ़रमान- इमरान ख़ान को एक घंटे में अदालत में पेश करें…
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चीफ जस्टिस ने इस गिरफ्तारी पर नाराज़गी जताते हुए कहा कि गिरफ्तारी से पहले रजिस्ट्रार से अनुमति लेनी चाहिए थी। इमरान खान की गिरफ्तारी पर कोर्ट ने सवाल उठाते हुए कहा कि यदि किसी व्यक्ति ने न्यायालय में समर्पण कर दिया है तो उसे गिरफ्तार करने का क्या मतलब है?
पीटीआई प्रमुख इमरान खान की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों वाली बेंच ने सुनवाई की। इस बेंच में मुख्य न्यायाधीश उमर अता बंदियाल के अलावा जस्टिस मुहम्मद अली मजहर और जस्टिस अतहर मिनल्लाह शामिल थे। सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति अतहर मिनल्लाह ने कहा कि एनएबी कई वर्षों से ऐसा कर रहा है। चुने हुए जनप्रतिनिधियों को गिरफ्तार किया जा रहा है, इस प्रक्रिया को रोका जाना चाहिए।
गौरतलब है कि इमरान खान की गिरफ्तारी अल कादिर ट्रस्ट मामले में हुई है। यह यूनिवर्सिटी की जमीन से जुड़ा मामला है। इस केस में इमरान खान के साथ उनकी पत्नी बुशरा बीवी का भी नाम जुड़ा है। हालांकि,अभी तक इमरान खान की पत्नी को गिरफ्तार नहीं किया गया।