जम्मू। जम्मू कश्मीर के बारामूला में बीती रात आतंकी हमला हुआ है। राष्ट्रीय राइफल्स और बीएसएफ कैंप में घुसने की कोशिश कर रहे दो आतंकियों को मार गिराया गया है। एनकाउंटर में एक जवान के भी शहीद होने की खबर है। आशंका है कि दो मारे गए आतंकी के साथी छुपे हो सकते हैं। रात में सर्च ऑपरेशन पूरा नहीं हो पाया था। सुबह की रोशनी के साथ नए सिरे से सर्च ऑपरेशन शुरू किया जाना है। terror attack
बारामूला में भी 18 सितंबर का उरी जैसा हमला दोहराने की साजिश रची गई लेकिन इस बार आतंकियों की मंशा कामयाब नहीं हो सकी।
उरी में सेना कैंप पर हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए 29 सितंबर को सर्जिकल स्ट्राइक किया था। 15 दिन तक पाकिस्तान के आतंकी संगठनों को सांप सूंघा रहा लेकिन बीती रात 10।30 बजे आतंकियों ने श्रीनगर से 54 किलोमीटर दूर बारामूला के जाबांजपोरा में राष्ट्रीय राइफल्स की 46वीं बटालियन के कैंप को निशाना बनाने की कोशिश की।
जिस जगह हमला हुआ वहां राष्ट्रीय राइफल्स और बीएसएफ दोनों के कैंप हैं। पास में ही पाकिस्तान से आने वाली झेलम बहती है।
साजिश थी कैंप में घुसकर रात में सो रहे जवानों को निशाना बनाने की। आतंकियों के पास ग्रेनेड जैसे हथियार भी थे। ग्रेनेड से उन्होंने हमला करके अंदर घुसने की कोशिश की लेकिन
गेट पर खड़े संतरी ने आतंकियों का रास्ता रोक लिया। ग्रेनेड लेकर आए आतंकियों पर ग्रेनेड से ही हमला कर दिया।राष्ट्रीय राइफल्स के कैंप में घुसने में नाकाम होने पर आतंकियो ने बीएसएफ कैंप की ओऱ रुख किया था लेकिन वहां भी उनकी दाल नहीं गली। राष्ट्रीय राइफल्स और बीएसएफ के जवानों ने आतंकियों ने घेर तक ढाई घंटे की फायरिंग में दोनों आतंकियों को मार गिराया।
फायरिंग में बीएसएफ का एक जवान भी शहीद हुआ है। पीटीआई रिपोर्ट की मुताबिक शहीद हुए जवान का नाम नितिन है। पुलविंदर नाम का एक जवान जख्मी हुआ है। दोनों ही बीएसएफ की 40वीं बटालियन के कैंप में थे।
रात होने के कारण ठीक ठीक पता नहीं चल पाया है कि आतंकियों की संख्या कितनी थी। रात में पूरा सर्च ऑपरेशन कर पाना संभव भी नहीं था। लेकिन आज सुबह होते ही एक बार फिर से सेना से सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया। सूत्रों के हवाले से जो खबर सामने आ रही है उसमें अब भी 1 आतंकी के कैंप के अंदर छुपे होने की खबर है।
आशंका है कि बारामूला में हमला करने वाले आतंकी पहले ही घुसपैठ कर चुके थे। बारामूला की उत्तरी दिशा में झेलम नदी है। शक है कि नदी के रास्ते आए आतंकी बारामूला के स्टेडियम में छुपे हुए थे।
उरी हमले में शामिल आतंकियों के साथी हो सकते हैं terror attack
जी हां ऐसा भी माना जा रहा है कि उरी हमले में शामिल आतंकियों के ही साथी हो सकते हैं बारामूला में हमले करने वाले आतंकी क्योंकि सर्जिकल स्ट्राइक के बाद किसी घुसपैठ का अलर्ट नहीं था।
गौरतलब है कि उरी हमले और बारामूला हमले में कई बातें मिलती जुलती हैं। उरी हमला रात के अंधेरे में हुआ था। बारामूला का हमला भी अंधेरे में किया गया। उरी में सेना के कैंप को निशाना बनाया गया। बारामूला हमले में भी कैंप को ही निशाना बनाया गया था। उरी में भी आतंकियों ने ग्रेनेड से हमलाकर कैंप में आग लगाई थी। बारामूला के आतंकियों के पास भी ग्रेनेड थे। उरी में तो आतंकी सुरक्षा को सेंध लगाकर अंदर घुस गे थे लेकिन बारामूला में आतंकी ऐसा कर नहीं पाए। कैंप भी बचा और आतंकी भी मारे गए। terror attack
जम्मू कश्मीर से लेकर दिल्ली तक रात में हुए आतंकी हमले को लेकर एक्शन रहा। बीएसएफ के डीजी केके शर्मा ने गृह मंत्री राजनाथ को हमले की पूरी जानकारी दी। एनएसए अजीत डोभाल और गृह मंत्री राजनाथ की भी देर रात तक ऑपरेशन पर नजर बनी रही।
इस हमले के बाद राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ओमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर कहा कि बारामूला से उन्हें खबर मिल रही है कि वहां फायरिंग की आवाज सुनी जा रही है, सभी की सलामती की दुआ करता हूं।
# terror attack # terror attack baramulla