इलाहाबाद। यूपी के इलाहाबाद शहर में एक स्कूल में राष्ट्रगान गाने की इजाजत नहीं दिए जाने से बवाल मच गया है। इस एम ए कान्वेंट स्कूल की प्रिंसिपल सहित आठ टीचर्स ने राष्ट्रगान गाने की पाबंदी होने पर इस्तीफा दे दिया। मामले में प्रशासन की ओर से जांच का आदेश दिए गये हैं।
इस्तीफा देने वाले टीचर्स ने बताया कि राष्ट्रगान गाना संविधान की ओर से दिया गया मूल अधिकार है। स्कूल प्रबंधन ने जब इस गाए जाने पर एतराज जताया तो उन सबको इस्तीफा देने पर मजबूर होना पड़ा। प्रिंसिपल ने बताया, ‘मैं 15 अगस्त के मौके पर राष्ट्रीय गान और सरस्वती वंदना के आयोजन को लेकर मैनेजमेंट से इजाजत लेने गया था, लेकिन मुझे बताया गया कि करीब 15 साल पहले जब स्कूल की स्थापना हुई, तब से अब तक इस तरह के कार्यक्रम आयोजित नहीं किए जाते।’ प्रिंसिपल ने जब इसका कारण पूछा तो स्कूल के मैनेजर जियाउल हक़ की तरफ से कहा गया कि प्रबंधक को राष्ट्रगान की एक लाइन ‘भारत भाग्य विधाता’ पर आपत्ति है।
जानकारी के मुताबिक 12 साल से चल रहे इस स्कूल में कभी राष्ट्रगान नहीं गाया गया। स्थापना के साथ ही राष्ट्रगान नहीं गाए जाने का तुगलकी फरमान यहां बदस्तूर जारी है। काफी अरसे तक इसे झेलने के बाद जब प्रिंसिपल और आठ टीचर्स ने इसके खिलाफ आवाज उठाई तो प्रबंधन ने उन्हें स्कूल से बाहर जाने पर मजबूर कर दिया। वहीं प्रशासन ने कहा है कि जांच के बाद ही स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कोई कार्रवाई की जा सकेगी।
वहीं, बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बताया कि स्कूल को बंद करने के आदेश एक हफ्ते पहले ही जारी कर दिए गए थे। स्कूल की प्रिंसिपल के मुताबिक लगभग 12 साल से बिना मान्यता के चल रहे इस स्कूल में किसी भी राष्ट्रीय पर्व पर राष्ट्रगान और राष्ट्रीय गीत नहीं गाने दिया गया था। इस बार भी जब स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रगान की इजाजत नहीं दी गई तो इसके विरोध में स्कूल की प्रिंसिपल समेत आठ शिक्षकों ने नौकरी छोड़ दी।