नई दिल्ली। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सऊदी अरब में अपनी नौकरी गंवा चुके भारतीय कामगारों से 25 सितंबर तक लौटने की अपील की और कहा कि इसके बाद उन्हें वहां ठहरने और लौटने के लिए खुद बंदोबस्त करना होगा। उन्होंने कहा कि जनरल वीके सिंह ने सऊदी अरब में कंपनियों के बंद होने से बेरोजगार हुए भारतीय कामगारों की समस्याएं सुलझाने के लिए वहां की दो बार यात्रा की है।
सुषमा ने कहा, ‘ऐसे सभी भारतीय कामगारों को मेरी सलाह है कि उन्हें अपना दावा दाखिल करना चाहिए और 25 सितंबर 2016 तक वापस आ जाना चाहिए। हम उन्हें निशुल्क वापस लाएंगे।’ विदेश मंत्री ने एक के बाद एक कई ट्वीट में कहा, ‘जो लोग 25 सितंबर तक नहीं लौटेंगे उन्हें वहां ठहरने और वापसी की यात्रा के लिए खुद बंदोबस्त करना होगा।’ मंत्री ने भारतीय कामगारों से दूसरी बार यह अपील की है।
इससे पहले रविवार को सुषमा ने कहा था कि फिलहाल बंद हो चुकी कंपनियों से सऊदी सरकार का मामला सुलझ जाने के बाद कामगारों के बकाये का भुगतान भी हो जाएगा। दावों के निपटारे में वक्त लगेगा और इसलिए सऊदी अरब में अनिश्चितकाल तक इंतजार करने का कोई कारण नहीं है। इस महीने की शुरुआत में विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह सऊदी अरब गए थे।
दरअसल, सऊदी अधिकारियों के साथ अपनी मुश्किलों का हल करने के लिए काफी तादाद में भारतीय कामगारों ने भारत सरकार से हस्तक्षेप करने की मांग की थी। वह मुद्दे का हल करने के लिए पिछले हफ्ते भी सऊदी अरब की यात्रा पर गए थे। तब, सऊदी सरकार छंटनी किए गए भारतीय मजदूरों की दशा का तेजी से हल करने को राजी हुई थी जिसमें उनकी भारत वापसी के लिए मदद करना और उनके बकाये का भुगतान करना भी शामिल था। गौरतलब है कि तेल की कम कीमतों और सरकारी खर्च में कमी के चलते सऊदी अर्थव्यवस्था में मंदी आने से हजारों की संख्या में भारतीय कामगारों की वहां नौकरी चली गई है। भारत सरकार ने सऊदी अधिकारियों से बेरोजगार हुए भारतीय कामगारों को बगैर अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) के निकास वीजा देने का अनुरोध किया था। साथ ही, संबद्ध कंपनियों से खातों के निपटारे के बाद उससे कामगारों का बकाया अदा करने का भी अनुरोध किया था जिन्हें महीनों से अदायगी नहीं गई है।