नीट परीक्षा में हुई गड़बड़ी मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है। परीक्षा का नतीजा आने के बाद से ही देश भर के छात्र कई दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं।
नीट की प्रवेश परीक्षा में गड़बड़ीमामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने मंगलवार को राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
सुप्रीम कोर्ट में आज होने वाली सुनवाई के दौरान छात्रों को झटका लगा है। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की अवकाशकालीन पीठ ने एमबीबीएस, बीडीएस और अन्य पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए पास उम्मीदवारों की काउंसलिंग पर रोक लगाने से इनकार करने के साथ परीक्षा रद्द करने से भी मना कर दिया।
गौरतलब है कि नीट यूजी प्रश्नपत्र लीक होने की खबरों से आहत छात्रों का एक दल नए सिरे से परीक्षा कराए जाने की मांग कर रहा है। इन लोगों ने गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। छात्रों की मांग है कि नीट यूजी 2024 रिजल्ट को वापस लेते हुए फिर से परीक्षा कराई जाए।
बताते चलें कि पांच मई को होने वाली नीट परीक्षा का परिणाम चार जून को आया था। तभी से इस परीक्षा में पेपर लीक होने का आरोप लग रहा है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में पहले से ही दो याचिका लंबित हैं और परीक्षा रद्द कराने की बात कही जा रही है।
याचिकाकर्ताओं की ओर से प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता मैथ्यू जे नेदुमपारा ने पीठ से काउंसलिंग प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग रखी थी। इसपर शीर्ष अदालत ने काउंसलिंग प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार कर दिया और मामले की सुनवाई के लिए आठ जुलाई का समय दिया। पीठ ने कहा, ‘काउंसलिंग शुरू होने दीजिए, हम काउंसलिंग नहीं रोक रहे हैं।’
पीठ ने परीक्षा की मांग करने वाली याचिकाओं पर एनटीए को नोटिस जारी किया। अदालत ने कहा कि परीक्षा की शुचिता प्रभावित हुई है, इसलिए एनटीए को जवाब देने की जरूरत है।
बताते चलें कि नीट-यूजी की परीक्षा एनटीए यानी राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी द्वारा देश भर के सरकारी और निजी संस्थानों में एमबीबीएस, बीडीएस और आयुष और अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आयोजित की जाती है।
रिजल्ट आने के बाद याचिकाकर्ता ने आशंका जताते हुए अपनी बात में कहा कि एक सेंटर विशेष पर परीक्षा दे रहे 67 स्टूडेंट्स को फुल मार्क्स 720 तक दिए गए हैं। याचिका में यह आरोप भी लगाया गया है कि नीट परीक्षा 5 मई को हुई और तभी से कई शिकायतें सामने आई जिसमें पेपर लीक की बात कही गईं।