कराची : पाकिस्तान के सिंध प्रांत के सहवान कस्बे में स्थित लाल शाहबाज कलंदर दरगाह के भीतर गुरुवार रात हुए आत्मघती विस्फोट में 70 लोगों की मौत हो गई और 150 से अधिक लोग घायल हो गए. इस हमले की जिम्मेवारी आतंकी संगठन आइएसआइ ने ली है. Sufi shrine
पाकिस्तान में एक सप्ताह के भीतर यह पांचवां आतंकी हमला हुआ है.
हमलावर ‘सुनहरे गेट’ से दरगाह के भीतर दाखिल हुआ और पहले उसने ग्रेनेड फेंका लेकिन वह नहीं फटा.
पुलिस के अनुसार यह धमाका सूफी रस्म ‘धमाल’ के दौरान हुआ.
विस्फोट के समय दरगाह के परिसर के भीतर सैकड़ों की संख्या में जायरीन मौजूद थे.
सहवान के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने कहा, ‘‘उसने अफरा-तफरी मचाने के लिए पहले ग्रेनेड फेंका और फिर खुद को उडा लिया.’
तालुका अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक मोइनुद्दीन सिद्दीकी के हवाले से ‘डान’ ने खबर दी है कि कम से कम 50 शवों और 100 से अधिक घायलों को अस्पताल लाया गया है.
एदी फाउंडेशन के फैसल एदी ने कहा कि मरने वालों की संख्या 50 हो गई है. उन्होंने कहा, ‘‘हम करीब 40 शवों को हैदराबाद और जमशेरो के अस्पतालों में लाए हैं.’ किसी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है.
तहरीक-ए-तालिबान अक्सर सूफी दरगाहों को निशाना बनाता है. साल 2005 से देश की 25 से अधिक दरगाहों पर हमले हुए हैं. हैदराबाद के आयुक्त काजी शाहिद ने कहा कि यह दरगाह दूरस्थ इलाके में स्थित है, ऐसे में हैदराबाद, जमशोरो, मोरो, दादू और नवाबशाह से एंबुलेंस एवं वाहनों तथा चिकित्सा दलों को मौके पर भेजा जा रहा है.
उन्होंने कहा, ‘‘अस्पतालों में आपात स्थिति घोषित कर दी गई है और बचाव अभियान शुरू कर दिया गया है.’ सिंध प्रांत के गवर्नर सैयद मुराद अली शाह ने कहा कि पाकिस्तानी सेना से आग्रह किया गया है कि वह रात में उड सकने वाले हेलीकॉप्टर मुहैया कराए ताकि शवों और घायलों को लाया जा सके.
इससे पहले वरिष्ठ पुलिस अधिकारी तारिक विलायत ने बताया था कि शुरुआती रिपोर्ट से पता चलता है कि यह आत्मघाती विस्फोट है. विस्फोट दरगाह में महिलाओं के लिए आरक्षित क्षेत्र में हुआ.
विलायत ने कहा, ‘‘सहवान पुलिस की ओर से प्रदान की गई शुरुआती सूचना के अनुसार यह आत्मघाती विस्फोट मालूम पड़ता है. मैं सहवान जा रहा हूं.’ बचाव अधिकारियों ने कहा कि पर्याप्त एंबुलेंस नहीं होने की वजह से मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है.
सप्ताह में गुरुवार के दिन बड़ी संख्या में लोग दरगाह जाते हैं. लाल शाहबाज कलंदर सूफी दार्शनिक-शायर थे. सूफी दरगाह पर यह हमला उस वक्त हुआ है .
जब एक दिन पहले ही पाकिस्तान सरकार ने देश में आतंकी हमलों में हुई बढोतरी को देखते हुए उन सभी तत्वों को ‘‘मिटाने’ का संकल्प लिया था जो देश में शांति एवं सुरक्षा पर खतरा पैदा कर रहे हैं. प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने देश में सुरक्षा हालात की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक की जिसमें यह फैसला लिया गया.
एक आधिकारिक बयान में कहा गया, ‘‘बैठक में देश में पनपने वाले आतंकवाद या बाहर से अंजाम दिए जा रहे या प्रश्रय पाने वाले आतंकवाद के खात्मे का तथा देश की शांति एवं सुरक्षा पर खतरा पैदा कर रहे तत्वों को सरकार की ताकत से मिटाने का संकल्प लिया गया.’ बैठक में आतंकवाद एवं अतिवाद के भौतिक एवं वैचारिक खात्मे के संकल्प को दोहराया गया.