प्राग: वैज्ञानिकों ने आखिरकार एक नए प्रकार के चुंबक की खोज की है जिसके बारे में उन्हें लगता था कि इसका अस्तित्व नहीं है।
अल्टर मैग्नेटिज्म नामक इस घटना की खोज करने वाली टीम का कहना है कि इस चुंबक का उपयोग बेहतर इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बनाने के लिए किया जा सकता है।
फेरोमैग्नेट्स (रसोई रेफ्रिजरेटर में पाया जाने वाला प्रकार) और एंटीफेरोमैग्नेट्स जो पहली बार 1930 के दशक में फ्रांसीसी भौतिक विज्ञानी लुई नील द्वारा खोजा गया था, के बाद अल्टरमैग्नेट्स तीसरे प्रकार का चुंबकत्व है।
Nature research paper: Altermagnetic lifting of Kramers spin degeneracy https://t.co/Ifl453RyHf
— nature (@Nature) February 15, 2024
स्विट्जरलैंड में चेक एकेडमी ऑफ साइंसेज और पॉलशायर इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों के सहयोग से स्विस लाइट सोर्स (एसएलएस) में अल्ट्रामैग्नेटिज्म का प्रायोगिक साक्ष्य प्राप्त किया गया था।
स्पिंट्रोनिक्स कंप्यूटिंग में क्रांति लाने की क्षमता रखता है। वैज्ञानिक पत्रिका नेचर में 14 फरवरी को प्रकाशित ‘अल्टरमैग्नेटिक लिफ्टिंग ऑफ क्रेमर्स स्पिन डिजनरेसी’ शीर्षक से एक अध्ययन में यह शोध विस्तार से प्रस्तुत किया गया था।
इस चुंबक को पहली बार 2019 में चेक रिपब्लिक के इंस्टीट्यूट ऑफ़ फ़िज़िक्स और जर्मनी में मेनज़ यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों की एक टीम द्वारा प्रस्तावित किया गया था।
शोध का नेतृत्व करने वाले चेक एकेडमी ऑफ साइंसेज में भौतिकी संस्थान के प्रोफेसर थॉमस जुंगवर्थ ने कहा कि जिसे लोग नामुमकिन समझते थे, वह दरअसल मुमकिन है। और यह कोई ऐसी चीज़ नहीं है जो कुछ अस्पष्ट सामग्रियों में पाई जाती है। बल्कि, यह लोगों की दराजों में मौजूद कई क्रिस्टलों में मौजूद है।
यह खोज अगली पीढ़ी के कंप्यूटर और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में सुधार सुनिश्चित करती है। साथ ही शोधकर्ताओं का मानना है कि इससे संघनित पदार्थ भौतिकी (condensed matter physics) की जानकारी के क्षेत्र में भी सुधार होगा, जिससे स्पिंट्रोनिक्स के क्षेत्र (field of spintronics) में सफलता मिल सकती है।