रेड क्रॉस की अंतर्राष्ट्रीय समिति (आईसीआरसी) ने पहली बार संघर्ष में शामिल नागरिक हैकरों के लिए नियम प्रकाशित किए हैं।
अंतर्राष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रेड क्रॉस ने चेतावनी दी है कि यूक्रेन पर हमले के बाद से बड़ी संख्या में लोग देशभक्त साइबर गिरोहों में शामिल हो रहे हैं।
आईसीआरसी के कानूनी सलाहकार डॉ. टिलमन रोडेनहौसर का कहना है कि रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष के कारण हैकिंग का खतरनाक चलन अब विश्व स्तर पर फैल रहा है।
उन्होंने कहा, “कुछ हैकिंग समूह जो हम रूस और यूक्रेन दोनों तरफ देख रहे हैं, वे काफी माहिर हैं और उन्होंने बैंकों, कंपनियों, फार्मेसियों, अस्पतालों, रेलवे नेटवर्क और नागरिक सरकारी सेवाओं को बाधित कर दिया है।”
युद्ध के कानूनों की निगरानी के लिए जिम्मेदार संगठन, ने आठ सूत्रीय नियमों में अस्पतालों पर साइबर हमलों पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। जिसके कारण नागरिकों में दहशत फैलती है।हालाँकि, कुछ साइबर गिरोहों ने बीबीसी न्यूज़ को बताया है कि वे नियमों की अनदेखी करना चाहते हैं।
The International Committee of the Red Cross (#ICRC) has, for the first time, published rules of engagement for civilian hackers involved in conflicts.https://t.co/0C1YLyuRa6 #Russia #UkraineWar #CyberSecurity
— The Cyber Channel (@_cyberchannel) October 4, 2023
आईसीआरसी विशेष रूप से यूक्रेन युद्ध में शामिल हैकिंग ग्रुप्स को नए नियम भेज रहा है। यह हैकर्स को यह भी चेतावनी देता है कि उनके कार्यों से न सिर्फ दूसरे लोगों को बल्कि उनकी जान को भी खतरा हो सकता है।
गौरतलब है कि पिछले दशक में देशभक्तिपूर्ण हैकिंग (Patriotic Hacking) में वृद्धि हुई है। उपरोक्त आईसीआरसी बयान 2013 में पश्चिमी समाचार मीडिया पर सीरिया समर्थक साइबर हमलों पर भी प्रकाश डालता है।