नई दिल्ली, तीन तलाक पर पर्सनल लॉ बोर्ड का साथ शैतान का साथ देने जैसा. आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारी ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) को ‘गैर इस्लामिक’ और ‘गैरकानूनी’ बताते हुए सोमवार को कहा कि तीन तलाक के मुद्दे पर इस संस्था का साथ देना ‘शैतान का साथ’ देने जैसा है.
आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारी इंद्रेश कुमार ने कहा, ‘कुरान शरीफ में तीन तलाक और हलाला का जिक्र नहीं है. मुस्लिमों की पवित्र किताब में इसकी मंजूरी नहीं दी गई है. यह मानवता और महिलाओं पर सबसे बुरा अत्याचार है.
किसी नबी पैगम्बर ने अपनी बीवी को कभी तलाक नहीं दिया. हदीस और शरिया का कोई यूनिवर्सल स्टैंडर्ड नहीं है. लाखों हदीस और शरिया यानी इस्लामिक लॉ बुक्स हैं. उन्होंने कहा कि 1957 से पहले (एआईएमपीएलबी) का कोई अस्तित्व नहीं है.
आरएसएस से जुड़े मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के संरक्षक कुमार ने कहा कि इस्लामी सिद्धांत के अनुसार, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) एक कानूनी संस्थान नहीं है और वह देश में मुस्लिमों का प्रतिनिधित्व नहीं करता है.