नई दिल्ली/ लखनऊ। मंगलवार को आधी रात के बाद से बंद हुए पांच सौ और हजार के नोटों का साइड इफेक्ट दिल्ली और लखनऊ में बदमाशों के धंधे पर भी पड़ा है। पिछले दो दिनों से पुलिस कंट्रोल रूम में लूटपाट की कॉल में भारी गिरावट देखी गयी। इस बात की हामी खुद अलग अलग जिले के पुलिस अफसर भर रहे हैं। robbery racket
साथ ही, पुलिस अफसर चुटकी भी ले रहे हैं कि लुटेरे ऐसी अफरातफरी भरी हालत में शायद किसी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहते। इसकी वजह यह भी है कि जितने बदमाशों ने दिल्ली एनसीआर और लखनऊ समेत बड़े शहरों में लूटपाट या चोरी करके रकम इकट्ठा की होगी, वह उन्हें या तो डूबती नजर आ रही है या वे उसे ठिकाने लगाने के तिकड़म लगा रहे हैं।हालांकि पुलिस अफसरों ने कहा कि मोबाइल और चेन झपटमारी की कॉल में कमी नहीं आई है।
पुलिस अफसरों के मुताबिक, मंगलवार रात से गुरुवार शाम तक कैश लूटपाट की कॉल में अचानक गिरावट आई है। राजधानी में रोजाना औसतन 60 लोग किसी न किसी तरह लूटपाट और झपटमारी का शिकार हो जाते हैं। इनमें चेन स्नैचिंग को छोड़ दें तो ज्यादातर कैश लूटने या चोरी की वारदातें अधिक होती हैं। इनका ग्राफ दो दिन से गिरा है। वारदातों में ऐसे भी बदमाश शामिल हैं, जो एनसीआर के अलग अलग इलाकों से रोजाना यहां आकर लूटपाट करके भाग जाते हैं। मगर नोटों के बंद होने का असर इन घटनाओं पर साफ तौर पर देखा गया है।
बुधवार और गुरुवार दो दिन कॉल्स तो आई हैं मगर इनमें झपटमारी व अन्य तरह की कॉल्स हैं। पुलिस अफसरों व कुछ एसीपी ने मजाक के लहजे में बताया कि बदमाश इन दिनों ‘मार्केट के उतार चढ़ाव’ पर नजर बनाए हुए हैं। पुलिस सूत्रों की मानें तो क्विक मनी के चक्कर में रोजाना लूटपाट के लिए निकलने वालों को भी अच्छी तरह समझ में आ गया है कि फिलहाल लोगों की जेब से या तो 500 और 1000 के अप्रचलित हो चुके नोट निकलेंगे या 10, 20, 50 के दो चार नोट होंगे। पुलिस का कहना है कि ताजा हालात के बाद बदमाशों पर लगाम लगाने के लिए प्लानिंग की जा रही है।