बोस्टन में होने वाले एक हालिया अध्ययन से पता चला है कि वायु प्रदूषण फेफड़ों के कैंसर सहित कई अन्य कैंसर का कारण बनता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शोधकर्ताओं ने पाया कि सूक्ष्म कणों (PM2.5) और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (NO2) पर आधारित वायु प्रदूषण के लंबे समय तक संपर्क में रहने से कोलन, प्रोस्टेट और अन्य कैंसर विकसित होने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
हारवर्ड यूनिवर्सिटी की एक रिपोर्ट के अनुसार वायु प्रदूषण का निम्न स्तर भी लोगों को विशेष रूप से कोलोरेक्टल, प्रोस्टेट, स्तन और एंडोमेट्रियल कैंसर के विकास के प्रति संवेदनशील बना सकता है।
वायु प्रदूषण शरीर में कुछ मूलभूत प्रक्रियाओं में हस्तक्षेप करता है जो सेहत को प्रभावित करता है।
अमेरिका के बोस्टन में हार्वर्ड टीएच चान स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में पर्यावरण महामारी विज्ञान के प्रोफेसर और वरिष्ठ शोधकर्ता जोएल श्वार्ट्ज का कहना है कि हम वायु प्रदूषण के कारण देश में सालाना हजारों अतिरिक्त कैंसर के मामले देख रहे हैं।
अपने बयान में वह आगे कहते हैं कि वायु प्रदूषण न केवल कारों और ट्रकों से होता है बल्कि लकड़ी के स्टोव, कोयला जलाने वाले बिजली संयंत्रों और अन्य प्रकार के ईंधन से भी होता है।
Even low levels of air pollution exposure may make people particularly susceptible to developing colorectal, prostate, breast, and endometrial cancers https://t.co/Ha4O8uf6vP
— Harvard University (@Harvard) August 12, 2023
उनके अनुसार ये सभी वायु प्रदूषण का कारण हैं जो न केवल फेफड़ों के कैंसर का कारण बनते हैं बल्कि अन्य कैंसर भी पैदा करते हैं। इसके अलावा ये प्रदुषण ही दिल की बीमारी और डिमेंशिया जैसी बीमारियों से जुड़ा हुआ है।
प्रोफेसर यह भी मानते हैं कि लोग इस पर बहुत ज़्यादा फोकस नहीं करते और प्रदुषण जैसी समस्या को अनदेखा कर देते हैं जबकि वायु प्रदूषण शरीर में कुछ मूलभूत प्रक्रियाओं में हस्तक्षेप करता है जो सेहत को प्रभावित करता है।